ज्योतिष शास्त्र में चंद्रमा को मन का कारक माना गया है जो मन को शीतलता और शांति देते हैं. अगर किसी व्यक्ति की कुंडली में चंद्र अशुभ स्थिति में हो तो उसे जीवन में बहुत सारी समस्याओं का सामना करना पड़ता है. चंद्र ग्रह दोष शारीरिक और मानसिक दोनों तरह से प्रभावित करता है. कुंडली में चंद्रमा की शुभ स्थिति से जीवन में प्रसन्नता और सुख आता है.चंद्रमा के अशुभ प्रभाव से व्यक्ति को मानसिक विकार, मन का भटकना और माता को कष्ट मिलने जैसी परेशानी आती है. कुंडली में चंद्रमा किसी बुरे ग्रह से पीड़ित हो तो चंद्र ग्रह से संबंधित कुछ उपाय करने चाहिए. चंद्रमा के इन उपायों में शिव पूजा का विशेष महत्व माना जाता है. शिव जी की पूजा से भी चंद्र दोष दूर होता है. कुंडली में अगर चंद्रमा अशुभ स्थिति में हो तो व्यक्ति को इसके नकारात्मक परिणाम मिलते हैं. चंद्रमा की अशुभ स्थिति व्यक्ति के जीवन में अनेकों परेशानियां लेकर आती हैं. चंद्र दोष होने के कारण व्यक्ति की सेहत पर बुरा प्रभाव पड़ता है. चंद्र दोष के कारण सेहत बिगड़ने लगती है और मन भी तनावग्रस्त रहने लगता है. चंद्रमा की स्थिति कमजोर हो तो किसी भी काम में मन नहीं लगता है और वो हमेशा भटकता रहता है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सोमवार के दिन शिवजी की पूजा करने से चंद्रमा शांत होते हैं. चंद्र देव की पूजा से भोलेनाथ की कृपा बनी रहती है. इस दिन रुद्राक्ष की माला से ‘ॐ श्रां श्रीं श्रौं सः चंद्रमसे नमः’ मंत्र का जाप करने से विशेष लाभ मिलता है. शिवालय में जाकर हर सोमवार को शिवलिंग पर चांदी के लोटे से दूध चढ़ाने से सारे विकार खत्म होते हैं. इस दिन चंद्रमा से जुड़ी सफेद वस्तुएं जैसे दही, सफेद कपड़े और चंदन का भी दान करना चाहिए. चंद्र ग्रह दोष समाप्त करने के लिए सोमवार के दिन मोती धारण करना चाहिए. माना जाता है कि मोती धारण करने से व्यक्ति का मन शांत रहता है. मोती पहनने से जीवन में सुख, शांति, धन और वैभव की प्राप्ति होती है.
नोट: यह सूचना इंटरनेट पर उपलब्ध मान्यताओं और सूचनाओं पर आधारित है। छत्तीसगढ़ राज्य न्यूज पोर्टल लेख से संबंधित किसी भी इनपुट या जानकारी की पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी और धारणा को अमल में लाने या लागू करने से पहले कृपया संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें।