रायपुर. शहरों में ढेकी कुटा चावल की बढ़ती मांग और इसके पोषक मूल्य के कारण यह दिनों दिन लोकप्रिय होते जा रहा है। इस चांवल में 40 प्रतिशत से अधिक आयरन, 50 प्रतिशत से अधिक फाइबर और प्रचुर मात्रा में विटामिन होता है। जिला प्रशासन जशपुर की पहल पर बालाछापर के महात्मा गांधी ग्रामीण औद्योगिक पार्क में इसका उत्पादन किया जा रहा है। इससे महिला समूहों को भी रोजगार मिल रहा है। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल हमेशा अपनी परंपरा में छिपी वैज्ञनिकता को सहेजने के प्रति आग्रह करते हैं। हमारे खानपान की बहुत सी परंपरा ऐसी है जो स्वास्थ्य के प्रति सजग लोगों को बहुत आकृष्ट करती है। ऐसा ही है ढेकी में कुटा चावल। चावल के पालिश हो जाने से इसके विटामिन काफी हद तक नष्ट हो जाते हैं। ढेकी का चावल पौष्टिक मूल्यों से युक्त होता है। बालाछापर रीपा में ढेकी चावल बनाया जा रहा है और आकर्षक पैकेजिंग तथा ब्राडिंग से इसका बड़ा बाजार तैयार हो रहा है। ढेकी कुटा चावल में सबसे अधिक मांग जीरा फूल चावल की है। जशपुर जिले में जीराफूल चावल का सबसे अधिक पैदावार होती है। सुगंधित किस्म के चावल होने के कारण इसकी मांग अन्य प्रदेशों में भी बढ़ते जा रही है। वैदिक वाटिका के समर्थ जैन ने बताया कि बालाछापर के 13 महिलाओं को ढेकी कुटा चावल का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। साथ ही चावल की आकर्षक पैकिंग के लिए भी प्रशिक्षित किया जा रहा है। ढेकी कुटा चावल की बिक्री सी-मार्ट के माध्यम से जा रही है। ढेकी कुटा चावल पोषण के दृष्टिकोण से उत्तम माना जाता है। इसके साथ ही चावल का ऊपरी आवरण संरक्षित रहता है। जिसमें विटामिन ई की मात्रा भरपूर पाई जाती है। चावल में बेहतर पोषक गुण और 40 प्रतिशत से अधिक आयरन, 50 प्रतिशत से अधिक फाइबर मौजूद रहता है। प्राकृतिक शुद्धता के कारण इस चावल को अन्य प्रदेशों में अच्छी पैकिंग के साथ भेजने की कार्य योजना तैयार की गई है।
जशपुर के जीराफूल किस्म से तैयार किया जा रहा है पोषक चावल
June 30, 2023
93 Views
2 Min Read
You may also like
Breaking • एक्सक्लूसीव • दिल्ली • देश
गुलाबी परी बनकर कान्स फिल्म फेस्टिवल में पहुंचीं उर्वशी रौतेला
May 16, 2024
About the author
NEWSDESK
Cricket Score
Live COVID-19 statistics for
India
Confirmed
0
Recovered
0
Deaths
0
Last updated: 20 minutes ago