राजधानी दिल्ली समेत देशभर के कई हिस्सों में डेंगू का खौफ देखने को मिल रहा है. दिल्ली नगर निगम ने डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया और अन्य वेक्टर जनित बीमारियों को रोकने अलर्ट है. बावजूद इसके दिल्ली के अस्पतालों में डेंगू के मरीजों की लाइन लगी है. इस बार सबसे बड़ा खतरा यह है कि डेंगू के मरीजों में टाइफाइड भी निकल रहे हैं. आइए जानते हैं इसे लेकर क्या कहते हैं डॉक्टर…
डेंगू मरीजों में टाइफाइड के केस
डॉक्टर्स के मुताबिक, अभी फिलहाल मरीजों की रिपोर्ट के आधार पर नहीं बल्कि मरीज की कंडिशन के हिसाब से इलाज चल रहा है. अगर किसी की प्लेटलेट्स 10,000 भी आ जाता है और मरीज ठीक से खाना खा रहे हैं तो उसे किसी तरह की दिक्कत नहीं है. उसके प्लेटलेट्स बढऩे का इंतजार कर रहे हैं. उनका कहना है कि डेंगू प्लेटलेट्स को खत्म नहीं करता है . वह प्लेटलेट्स काउंट और फंक्शन को खराब करने का काम शुरू कर देता है. हालांकि, 20,000 से नीचे प्लेटलेट्स आने पर जानलेवा हो सकता है. जो भी मरीज अस्पताल पहुंच रहे हैं, उनमें तेज बुखार, उल्टी, सिरदर्द, शरीर में लाल चकत्तों के लक्षण देखे जा रहे हैं. कई मरीज तो ऐसे हैं, जिनका प्लेटलेट्स में बुखार के तीसरे दिन ही कमी आने लगती है.
दिल्ली के आसपास डेंगू का खौफ
दिल्ली से सटे इलाकों में डेंगू काफी खतरनाक हो रहा है. गाजियाबाद, नोएडा और गुरुग्राम में तेजी से डेंगू फैल रहा है. गाजियाबाद में करीब 400 मरीज मिले हैं. इनमें से डेंगू से एक लड़के की मौत भी हो गई है. नोएडा में डेंगू मरीजों की संख्या करीब 300 तक पहुंच गई है. दिल्ली से सटे गुरुग्राम में अब तक डेंगू के 100 से ज्यादा केस आ चुके हैं.
डेंगू के लक्षण क्या हैं
सिरदर्द, 104-105 डिग्री तक बुखार, मांसपेशियों और हड्डियों में दर्द, जी मिचलाना, उल्टी आना, आंखों में दर्द और स्किन पर लाल चकत्ते पडऩा, मुंह का स्वाद खराब होना
डेंगू से सावधानी
डेंगू का बुखार 7-10 दिन तक रहता है. बिना डॉक्टर की सलाह के दवा लेने पर प्लेटलेट्स कम हो सकती है डेंगू के लक्षण नजर आए तो तुरंत डॉक्टर के पास जाना चाहिए. डॉक्टर के अनुसार ही खानपान रखें.
डिस्क्लेमर-इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.