सक्ती। सक्ती जिले के बाराद्वार थाना क्षेत्र में स्वजन अपनी नाबालिग बेटी की शादी करवा रहे थे। बाराती भी पहुंच गई नाबालिग दुल्हन सात फेरे लेने ही वाली थी कि जिला बाल संरक्षण इकाई व पुलिस की टीम पहुंच गई और बालिका की अंकसूची व आधार कार्ड की जांच की गई। जिसके बाद जांच में बालिका की उम्र 15 वर्ष 7 माह थी, जिस पर लड़की की माता पिता को समझाया गया और दोनों की सहमति से बाल विवाह को रोका गया। दरअसल, महिला एवं बाल विकास विभाग और पुलिस विभाग के संयुक्त प्रयास से बाल विवाह से रोका गया। बाल विवाह संबंधी सूचना प्राप्त होते ही कलेक्टर निर्देशानुसार जिला महिला एवं बाल विकास अधिकारी सूर्यकांत गुप्ता के मार्गदर्शन में टीम तैयार कर बाराद्वार में बालिका के घर जाकर उसके अंकसूची की जांच की गई। जहां बालिका की उम्र 15 वर्ष माह 07 होना पाया गया। विवाह की पूर्ण तैयारी हो चूकी थी हल्दी मेंहदी रस्म हो चुकी थी और बारात स्वागत की तैयारी के दौरान ही सूचना प्राप्त होने पर तत्काल विभाग के अधिकारी कर्मचारी द्वारा बालिका एवं उसके माता-पिता एवं स्थानीय लोगों को बाल विवाह के दुष्परिणामों से अवगत कराया करा कर समझाइस के बाद स्थानीय लोगों की उपस्थिति में बालिका के माता-पिता की सहमति से बालिका का विवाह रोका गया है। इस दौरान परियोजना अधिकारी सक्ति परियोजना अधिकारी विभागीय सुपरवाइजर शामिल थे। बता दें कि बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के तहत विवाह के लिए लड़की की उम्र 18 वर्ष तथा लड़के की उम्र 21 वर्ष निर्धारित है। निर्धारित उम्र से कम होने की स्थिति में बाल विवाह करने पर पुलिस विभाग द्वारा अपराध पंजीबद्ध करते हुए विवाह करने वाले माता-पिता, विवाह में सम्मिलित होने वाले रिश्तेदार, टेंट प्रभारी डीजे साउंड/धुमाल प्रभारी, भोजन बनाने वाले रसोइया हलवाई, केटरिन प्रभारी, विवाह कराने वाले पंडित के विरूद्ध कार्रवाई की जाएगी। अधिनियम के तहत 02 वर्ष के कठोर सश्रम कारावास तथा 01 लाख के जुर्माने अथवा दोनों से दंडित किया जाने का प्रावधान है।
बारात स्वागत की तैयारी में थे परिजन, दूल्हे की जगह पहुंची पुलिस टीम, जानें क्या है पूरा मामला
April 27, 2024
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