ड्राईफ्रूट्स में पिस्ता सबसे ज्यादा स्वादिष्ट लगते हैं। पिस्ता का नमकीन स्वाद लोगों को खूब पसंद आता है। कुछ लोग बिना गिनती किए खूब पिस्ता खा लेते हैं। पिस्ता में पोटेशियम, मैग्नीशियम, फॉस्फोरस, कॉपर, एंटीऑक्सीडेंट्स, प्रोटीन, विटामिन बी6, फाइबर, कैल्शियम, आयरन जैसे जरूरी पोषक तत्व पाए जाते हैं। पिस्ता खाने से आप दिनभर एनर्जेटिक महसूस करेंगे। शरीर की थकान और कमजोरी को दूर करने में मदद मिलेगी। भले ही पिस्ता के इतने फायदे हों, लेकिन कुछ लोगों को पिस्टा सूट नहीं करता है। कई समस्याओं में पिस्सा नहीं खाने की सलाह दी जाती है। आइये जानते हैं किन लोगों को पिस्ता नहीं खाना चाहिए?
पिस्ता किन लोगों को नहीं खाना चाहिए?
एलर्जी के मरीज को- पिस्ता की तासीर गर्म होती है। ऐसे में जिन्हें नट्स या सीड्स से एलर्जी है उन्हें पिस्ता नहीं खाना चाहिए। इससे पाचन संबंधी समस्या हो सकती है। अगर आपको एलर्जी रहती है तो बिना डॉक्टर की सलाह के पिस्ता न खाएं।
किडनी के मरीज- अगर किडनी में पथरी है तो पिस्ता का सेवन नहीं करना चाहिए। पिस्ता में ऑक्सालेट नाम का एक ऐसा कंपाउंड पाया जाता है जो किडनी में स्टोन की समस्या पैदा कर सकता है। जिन्हें किडनी में पथरी की समस्या होती है उन्हें पिस्ता नहीं खाना चाहिए। इससे फिर से पथरी पैदा हो सकती है।
वजन घटाने वालों को- जो लोग मोटापे को कम करना चाहते हैं उन्हें पिस्ता कम से कम खाने चाहिए। ज्यादा पिस्ता खाने से कैलोरी बढ़ती है। पिस्ता खाने से मोटापा कम होने की बजाय बढ़ सकता है। यानि जो लोग वेट लॉस जर्नी या डाइट पर हैं उन्हें पिस्ता अवॉइड करने चाहिए।
पाचन की समस्या होने पर- कुछ लोगों को पाचन की समस्या रहती है उन्हें पिस्ता नहीं खाने चाहिए। खासतौर से गर्मी के दिनों में पिस्ता कम खाएं। इसकी तासीर गर्म होती है जिससे पेट में अपच, एसिडिटी और कब्ज की समस्या हो सकती है। ज्यादा पिस्ता खाने से पेट में गर्मी पैदा हो सकती है।
किसी बीमारी की नियमित दवा लेने पर- जो लोग किसी बीमारी की नियमित रूप से दवा खा रहे हैं उन्हें पिस्ता या कोई भी इस तरह का फूड डाइट में शामिल करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लेनी चाहिए। कई बार पिस्ता का सेवन किसी दवा के साथ साइड इफेक्ट पैदा कर सकता है।
कम उम्र के बच्चे- छोटे बच्चों को पिस्ता नहीं देने चाहिए। कई बार बच्चे बिना चबाए ही पिस्ता खा लेते हैं। यानि वो ऐसे ही निगल लेते हैं जिससे साबुत पिस्ता या टुकड़ा गले में फंसने का खतरा रहता है। कई बार गंभीर स्थिति में बच्चे का दम घुट सकता है।