भारतीय राज्य पेंशनर्स महासंघ छत्तीसगढ़ प्रदेश के प्रदेश अध्यक्ष, कर्मचारी नेता वीरेन्द्र नामदेव ने छत्तीसगढ़ सरकार से कहा है कि वे दीपावली के पूर्व केन्द्र के समान जनवरी 24 से बकाया 4% डीए/ डीआर का एरियर सहित भुगतान करे साथ में कर्मचारियों और पेंशनरों को अक्टूबर के अंतिम सप्ताह में वेतन और पेंशन का भुगतान करे। वरना जिस तरह कांग्रेस सरकार को विधान सभा चुनाव में निपटाया गया आगामी निकाय चुनाव में हार हेतु भाजपा सरकार तैयार रहे।
जारी विज्ञप्ति में कर्मचारी व पेंशनरों के नेता क्रमश: वीरेन्द्र नामदेव, पूरन सिंह पटेल, जे पी मिश्रा, अनिल गोल्हानी, आर जी बोहरे, बी एस दसमेर, लोचन पाण्डे, नरसिंग राम, हरेन्द्र चंद्राकर, द्रोपदी यादव, बी के वर्मा, आर एन ताटी, राकेश जैन, नैनसिंह, प्रदीप सोनी, डी आर गजेन्द्र, आई सी श्रीवास्तव, शेरसिंह साहू, एस के घाटोडे, एस एन देहारी, आर डी झाड़ी, पी एन उड़कुड़े, एस के कनौजिया,नागेंद्र सिंह आदि ने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय को हरियाणा और हिमाचल सरकार से सीख लेकर छत्तीसगढ़ विधान सभा चुनाव में किए मोदी के गारंटी के तहत किए गए वादे को तुरंत पूरा कर राज्य के कर्मचारियों अधिकारियों और पेंशनरों व परिवार पेंशनरों को केन्द्र के समान जनवरी से बकाया 4% एरियर सहित डीए डीआर के आदेश तुरंत जारी कर किए गए वायदे को पूरा करने की मांग की है।
जारी विज्ञप्ति में बताया है कि राजस्थान सरकार ने कर्मचारियों को दिवाली बोनस देने का ऐलान कर दिया है. राजस्थान सरकार के करीब 6 लाख कर्मचारियों को इसका लाभ मिलेगा. प्रत्येक कर्मचारी को अधिकतम 6774 रुपये तदर्थ बोनस मिलेगा. बोनस का लाभ पंचायत समिति और जिला परिषद कर्मचारियों को भी मिलेगा. बोनस की गणना अधिकतम परिलब्धियां 7000 रुपये और 31 दिन के माह के आधार पर की गई है. इसी तरह हिमाचल प्रदेश ने कर्मचारियों के प्रति सहानुभूति रखते हुए कर्मचारियों और पेंशनर्स को दीवाली का तोहफा दिया है। उन्होंने पहली जनवरी, 2023 से देय 4 फीसदी महंगाई भत्ता ( 4 % DA) देने की घोषणा की है। इसी के साथ ही दीपावली के मद्देनजर कर्मचारियों को नवंबर महीने का वेतन और पेंशनर्स को उनकी पेंशन चार दिन पहले यानी 28 अक्टूबर को मिलेगी।
इसके अलावा छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश को छोड़ कर देश के लगभग सभी राज्यों ने दिवाली के मद्दे नज़र बोनस, डीए डीआर और अन्य सुविधाओं की घोषणा की है। परन्तु छत्तीसगढ़ राज्य सरकार की चुप्पी ने प्रदेश के कर्मचारियों और पेंशनरों को बैचेन कर दिया है। बार बार मांग पूर्ति हेतु आंदोलन का सरकार पर कोई असर नहीं हो रहा है।इसका दुष्परिणाम आगामी निकाय चुनाव में होने से कोई इंकार नहीं कर सकता। प्रदेश तथा जिलों के बैठकों में इस प्रकार खुली चर्चा हो रही हैं।
ज्ञात हो कि डीए डीआर को लेकर विगत विधानसभा चुनाव में पेंशनरों ने खुलकर घोषित करके कांग्रेस सरकार का विरोध किया था। एक पेंशनर दस परिवार का नारा देकर घर घर कांग्रेस के खिलाफ माहौल बनाने का काम किया था। वर्तमान भाजपा सरकार 10 माह में आर्थिक मामलों में खासकर महंगाई भत्ता को लेकर अन्याय कर रही है।उसे मोदी की गारंटी की भी परवाह नहीं है। इसे लेकर पूरे प्रदेश का अधिकारी कर्मचारी एवम् पेंशनर दुखी और आक्रोशित है। सरकार और सरकार को चलाने वाले लोगो को सचेत होकर तुरंत कर्मचारी हित में जरूरी कार्यवाही कर एरियर सहित डीए डीआर देने की घोषणा कर देना चाहिए।