Monday, December 8

हर माता-पिता सोचते हैं कि उनके बच्चे का भविष्य अच्छा हो, लेकिन इस बात पर ध्यान नहीं देते कि जब अच्छे चरित्र का निर्माण करेंगे, तो ही अच्छे भविष्य का निर्माण हो पाएगा। स्वाभाविक है कि अच्छे चरित्र के निर्माण की शुरुआत माता-पिता से होती हैै। माता-पिता बचपन से ही कोशिश कर रहे होते हैं कि बच्चों को अच्छा सिखाएं। लेकिन इस बात पर ध्यान नही देते हैं कि बच्चे वह नहीं सीखते जो आप कहते हैं वे वही सीखते हैं जो आप करते हैं। अधिकांश माता-पिता के लिए पालन-पोषण का अर्थ केवल बच्चों के भोजन, कपड़े और दैनिक जरूरतों की पूर्ति करना है। और इस तरह से माता-पिता अपने दायित्व से मुक्त हो जाते हैं। लेकिन क्या माता-पिता अपने बच्चों को अच्छी आदतें या संस्कार दे पाते हैं जिससे कि उनके अच्छे चरित्र का निर्माण हो सके, ताकि वे भविष्य में एक बेहतर जीवन जी सकें। जिससे कि उन्हें जीवन जीने में कठिनाइयों का सामना न करना पड़े। हर पीढ़ी के बच्चों में बदलाव आता है और ऐसे में यदि आप अपने बच्चे के प्रति सचेत नहीं हैं तो आप नई पीढ़ी के भविष्य निर्माण से चूक जाएंगे जो कि भविष्य में एक माता-पिता होने के नाते आपके लिए पीड़ा दायक हो सकता है। इसलिए आपको आज से ही सोचना होगा कि ऐसा क्या करना चाहिए. जिससे कि भविष्य में आपको खुशी मिले। जब तक आप माता-पिता नहीं थे तो आपकी कोई जिम्मेदारी नहीं थी। लेकिन माता-पिता बनने के बाद आप पर रचनात्मक जिम्मेदारी आ गई है। एक पूरा जीवन बनेगा या बिगड़ेगा यह आप पर निर्भर करता है। माता-पिता बनने के बाद आप जो कुछ भी करते हैं उसका प्रभाव बच्चे के भविष्य पर अवश्य पड़ता है। मानव जीवन में चरित्र का विशेष महत्व है और चरित्र ज्ञानवान होने से बनता है, यदि मनुष्य में ज्ञान नहीं है तो चरित्र का कोई अर्थ नहीं है। हम अपने घर, परिवार, समाज, देश और विदेश में व्यापार और नौकरी करते हैं, इन सब में ज्ञान और अच्छे चरित्र का होना एक श्रेष्ठ और सफल व्यक्ति की पहचान है। जैसा कि हम जानते हैं कि चरित्र कोई ऐसी चीज नहीं है जिसे हम कहीं से खरीद कर प्राप्त कर सकें। लेकिन सकारात्मक सोच ही हमें ऊंचाई के शिखर पर ले जाती है साथ ही अच्छे चरित्र का निर्माण भी करती है। हमारे मन में दो प्रकार के विचार होते हैं, एक अच्छे विचार और दूसरे बुरे विचार लेकिन अगर हम अपने आप में यह निश्चय कर लें कि हम कभी भी नकारात्मक विचारों को अपने मन पर हावी नहीं होने देंगे और हर काम अच्छा ही करेंगे तो यही एक अच्छा चरित्र है। किसी व्यक्ति के अच्छे चरित्र के निर्माण में सबसे बड़ी भूमिका उसके घर के वातावरण की होती है। क्योंकि बच्चों को स्कूल में किताबी ज्ञान मिलता है, बच्चों में अच्छे संस्कार रखने का श्रेय उनके माता-पिता को जाता है कि उन्होंने अपने बच्चों को कैसी तालीम दी है। बच्चे बाल्यावस्था के बाद किशोरावस्था को प्राप्त करते हैं, फिर विवाह होता है और घर की जिम्मेदारी भी बढ़ जाती है। परिवार चलाना और जीवन की सारी गतिविधियां पैसे पर आधारित होती हैं, इसलिए पैसा कमाना भी बहुत जरूरी है। लेकिन एक सफल जीवन जीने के लिए पैसा कमाना ही एकमात्र उद्देश्य नहीं होना चाहिए, जीवन को सफल और आदर्श परिवार बनाने के लिए और अधिक दृष्टिकोण की आवश्यकता होती है। अक्सर देखा गया है कि अन्य बातों को छोड़कर लोगों का एक ही सपना होता है कि बहुत सारा पैसा कैसे कमाया जाए।  यदि हम इस प्रकार की सोच रखते हैं तो परिवार और बच्चे ठीक से जीवन जीने की कलाओं से वंचित रह जाते हैं। जिसका परिणाम बच्चों के साथ-साथ माता-पिता के लिए भी बहुत बुरा होता है। पैसा कमाने के साथ-साथ यदि हम सोचते हैं कि हमारा परिवार और बच्चे आदर्श हों तो हमें इन सब बातों पर ध्यान देना होगा। उन्हें आचरण में लाना होगा। तभी हम कल्पना कर सकते हैं कि हमारे बच्चे आदर्श और संस्कारी होंगे। हम जैसा बीज बोयेंगे, जैसा व्यवहार करेंगे, जैसा वातावरण देंगे, हमें वैसा ही फल भी मिलेगा। हेमेन्द्र क्षीरसागर, पत्रकार, लेखक व स्तंभकार

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