खुद को खूबसूरत दिखाने के लिए काफी लोग कॉस्मेटिक सर्जरी करवा रहे हैं. आमतौर पर इसके अच्छे रिजल्ट निकलते हैं, लेकिन कई बार यह जोखिम भरा होता है. इससे लोगों की सुंदर दिखने के बदले बदसूरत हो जाते हैं या फिर इसके गंभीर साइड इफेक्ट भी नजर आने लगते हैं.
आमतौर पर लोग लिपोसक्शन, ब्रेस्ट ऑग्मेंटेशन, फेसलिफ्ट और नाक को फिर से आकार देने जैसी सर्जरी सबसे ज्यादा करवाते हैं. कभी-कभी इसकी गंभीर जटिलताओं से गंभीर शारीरिक नुकसान हो जाता है. यहां तक की मौत भी हो सकती है. चीन से ऐसा ही एक मामला सामने आया है. यहां एक महिला के लिए कॉस्मेटिक सर्जरी जानलेवा साबित हुई.
aajtak.in की खबर के अनुसार, दक्षिणी चीन के गुआंग्शी प्रांत के गुइगांग की रहने वाली लियू नाम की महिला ने नैनिंग के एक क्लिनिक पहुंची और अपनी छह कॉस्मेटिक सर्जरी के लिए 40,000 युआन (लगभग 4.6 लाख रुपये) से ज्यादा का भुगतान लोन लेकर किया.
बैक टू बैक कराई 5 सर्जरी
साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट के अनुसार उनकी पहली सर्जरी आंख के पलक और नाक की हुई. ये प्रोसीजर उसने दिसंबर 2020 में COVID-19 महामारी के दौरान करवाई थी. 5 घंटे के बाद उसने अपनी थाई पर लिपोसक्शन करवाया. फिर बाद अगली सुबह चेहरे और ब्रेस्ट की सर्जरी करवाई यह प्रक्रिया भी पांच घंटे तक चली. सर्जरी के तुरंत बाद लियू को छुट्टी दे दी गई.
दूसरे दिन ही क्लिनिक में हो गई मौत
सर्जरी बाद वह फिर से क्लिनिक पहुंची थी जहां वो बेहोश हो गई. उसे आपातकालीन सहायता प्रदान की गई और उसे दूसरे हॉस्पिटल में स्थानांतरित कर दिया गया. फिर दोपहर में उसे मृत घोषित कर दिया गया. रिपोर्ट के अनुसार, लिपोसक्शन प्रक्रिया के बाद सांस लेने में तकलीफ होने लगी थी. इसके बाद ही उसकी मौत हुई. उसके परिवार में 8 साल की बेटी और 4 साल का बेटा है.
परिवार वालों ने हॉस्पिटल पर किया मुकदमा
घटना के बाद, लियू के परिवार ने क्लिनिक पर मुकदमा दायर किया. इसमें 1.18 मिलियन युआन (1.37 करोड़ रुपये) का मुआवज़ा मांगा गया, और दूसरी तरफ से उन्हें केवल 200,000 युआन की पेशकश की गई. मामले की आगे की जांच से पता चला कि क्लिनिक के पास प्रक्रिया करने के लिए सभी कानूनी दस्तावेज थे और डॉक्टरों के पास कानूनी लाइसेंस भी था.
क्लिनिक के अधिकारियों ने इस बात पर जोर दिया कि सर्जरी से जुड़े जोखिमों के लिए लियू जिम्मेदार थी. जबकि अदालत ने शुरू में क्लिनिक को मौत के लिए पूरी तरह से जिम्मेदार ठहराया और परिवार द्वारा मांगे गए मुआवजे का आदेश दिया. बाद में क्लिनिक द्वारा केवल आंशिक जिम्मेदारी स्वीकार करने के बाद इसे संशोधित कर केवल आधा कर दिया गया.