कुम्हारी। कुम्हारी के निर्दलीय पार्षद निश्चय वाजपेयी ने राजनीति के गिरते स्तर पर दुख जताते हुए कहा है कि किसानों की दुख-पीड़ा के साथ खड़े होने को कुछ लोग विकास विरोधी होना कहते हैं। उन्होंने कहा है कि ऐन फसल पकने के समय खलिहानों को तोडऩा विकास नही है। हमारा देश किसानों और मजदूरों का देश है। हम सभी जानते हैं कि पूरे छत्तीसगढ़ के खेतों में फसल पक कर तैयार खड़ी है। किसानों ने इसके लिये खून-पसीना एक किया है। कुछ ही दिनों में उन्हें अपनी फसल खलिहानों मे ले जानी है। ऐसे समय मे किसी भी किसान का खलिहान नही तोड़ा जाना चाहिए। किसानों की फसल से खिलवाड़ का हक किसी को भी नही है। हाल ही मे फसल बरबाद होने से आत्महत्या के लिये मजबूर होने वाले किसान भाई दुर्गेश निषाद को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए निश्चय वाजपेयी ने कहा है कि हम सबको किसानों और उनकी फसल के प्रति संवेदनशील होना होगा। साथ ही उन्होंने कहा कि तालाब का खोदा जाना तो विकास होता है। लेकिन किसी बहाने से मौजूदा तालाब को पाट दिया जाना कदापि विकास नही है। छत्तीसगढ़ की संस्कृति मे तालाब पाटने को पाप माना जाता है। गौरतलब है कि निश्चय वाजपेयी पर आरोप लगाया गया है कि वे विकास विरोधी हैं और बड़े तालाब को पाटकर चौपाटी बनाने पर अडंगा लगा रहे हैं। वहीं परसदा गांव के खलिहानों मे हो रही तोड़-फोड़ के खिलाफ किसानों के पक्ष में खड़े हो गए हैं। निश्चय वाजपेयी ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ छोटे किसानों और मजदूरों का प्रदेश है। ऐसे में लाखों किसानों के ब्यारे (खलिहान) गांव की शासकीय और आबादी भूमि पर हैं। क्या उन सभी को बेदखल कर दिया जाएगा? वो भी ऐसे समय मे जब फसल पक कर खेतों में तैयार खड़ी है। उन्होंने खलिहान तोड़कर किसानों को तनाव मे लाने वालों को स्व राजीव गांधी के शब्द याद दिलाए हैं। पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा था कि विकास से आशय भवनो, सड़कों, पुल-पुलिया और कारखानों के निर्माण से नही है बल्कि मानव के विकास से है। ऐसे में मानव जाति को पालने-पोसने वाले अन्नदाता का विकास पहली प्राथमिकता होनी चाहिये। जब पचासों साल से परसदा के किसानों के खलिहान वहां हैं तो ऐन फसल पकने के समय और लाकडाउन के बीच बुलडोजर ले जाने का क्या औचित्य था? निश्चय वाजपेयी ने इस पर दुख व्यक्त करते हुए कहा कि ये सब उस दिन किया गया, जिस दिन किसानों की लड़ाई के लिये सर्वस्व बलिदान करने वाले शहीदे आजम भगतसिंह की जयंती थी। उन्हें गर्व है कि किसानों का पक्ष लेने के कारण उन्हे 28 सितंबर को जेल भेजा गया। वाजपेयी ने पालिका के अपने साथियों से कहा है कि उन्हें विकास और कमीशनखोरी के लिये पैसा खर्च करने के बीच अंतर समझने की बहुत जरूरत है। निश्चय वाजपेयी ने इस गैरजरूरी विवाद से किसानों को हो रही तकलीफ पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि माननीय मुख्यमंत्री जी किसानों के प्रति संवेदनशील हैं। उन्होंने उम्मीद जताई है कि चूंकि मामला किसानों से संबंधित है एवं मुख्यमंत्री जी के विधानसभा क्षेत्र का है, ऐसे मे इसे संवेदनशीलता केे साथ हल कर लिया जाएगा।
खड़ी फसल के समय किसानों का खलिहान तोडऩा विकास नही-निश्चय वाजपेयी
October 7, 2020
109 Views
3 Min Read
You may also like
Breaking • छत्तीसगढ़ • राज्यों से
छत्तीसगढ़ निवेश के लिए असीम संभावनाओं वाला राज्य : विष्णुदेव साय
December 23, 2024
Breaking • छत्तीसगढ़ • राज्यों से
40 साल से सक्रिय वरिष्ठ माओवादी कैडर प्रभाकर राव गिरफ्तार
December 23, 2024
About the author
NEWSDESK
एक्सक्लूसीव
मुख्यमंत्री की पहल… पद्म विभूषण तीजन बाई का एम्स में शुरू हुआ इलाज
December 23, 2024
पत्नी के भरण पोषण के लिए देना होगा हर महीने 20 हजार रुपये
December 22, 2024
गली-गली में बिक रही अवैध शराब, प्रशासन की ढिलाई या संरक्षण का खेल?
December 22, 2024
सांसद बृजमोहन ने लोकसभा में उठाया ग्रामीण विकास का मुद्दा
December 18, 2024