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आर्थिक स्वावलंबन से महिलाओं के खिले चेहरे

रायपुर। राज्य शासन की महत्वाकांक्षी सुराजी एवं गोधन न्याय योजना से महिलाओं को आर्थिक स्वावलंबन मिल रहा है। इस योजना से अब महिलाओं को तरक्की की नई राह मिल रही है। बिलासपुर जिले के विकासखंड कोटा के ग्राम कंचनपुर में महिलाएं आर्थिक रूप से सशक्त हो रही है। जिससे उनके चेहरे खुशी से खिल गये है। दुर्गा महामाया स्व सहायता समूह की महिलाओं ने बताया कि हम लोगों ने एक समूह बनाकर वर्मीकम्पोस्ट खाद बनाने का काम शुरू किया है। गांव में बने गौठान में वे कृषि विभाग की मदद से वर्मीकम्पोस्ट और नाडेप खाद बना रही हैं। इससे पहले समूह की महिलाओं के पास आय का कोई जरिया नहीं था जिससे उन्हें दूसरों पर आश्रित रहना प?ता था लेकिन अब उन्हें आर्थिक रूप से किसी पर निर्भर नहीं रहना पड़ रहा है। दुर्गा महामाया स्व सहायता समूह में 10 महिलाएं सदस्य हैं और उन्हें वर्मीकम्पोस्ट खाद बनाने के लिए छह: चरण में कृषि विभाग द्वारा प्रशिक्षण दिया गया। समूह की महिलाओं ने सुराजी योजना के तहत 160 क्विंटल वर्मीकम्पोस्ट खाद का निर्माण कर 1 लाख 36 हजार रूपये की लागत की खाद बिक्री की है। गोधन न्याय योजना प्रारंभ होने के पश्चात उन्होंने लगभग 50 क्विंटल वर्मी खाद का उत्पादन किया है एवं 30 किलोग्राम खाद की बिक्री की है। महिलाओं को अब खाद की आकर्षक पैकेजिंग भी सिखाई जा रही है ताकि खाद की अधिकतम बिक्री हो सके। समूह की महिलाएं शासन को धन्यवाद देते हुए कहती है कि शासन द्वारा हमारी बेहतरी के लिए लगातार प्रयास किया जा रहा है जिसके परिणाम अब सामने आने लगे हैं।

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