भारतीय मूल के डेमोक्रेट नेता जोहरान ममदानी ने न्यूयॉर्क के मेयर चुनाव में जीत हासिल की है. वह न्यूयॉर्क के पहले भारतवंशी और पहले मुस्लिम मेयर बन गए हैं. ममदानी के मेयर बनने के बाद अब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप शहर से जुड़े कई फैसले सीधे नहीं ले पाएंगे.

1. शहर की नीतियां तय करना
अब ममदानी न्यूयॉर्क शहर की नीतियां बनाएंगे. जैसे किराया नियंत्रण, पब्लिक ट्रांसपोर्ट, स्कूलों और बच्चों की देखभाल की योजनाएं. ट्रंप अमेरिका के राष्ट्रपति हैं, लेकिन वे किसी शहर की नीतियों में दखल नहीं दे सकते. इसलिए अगर ममदानी किराया घटाएं या नई सामाजिक योजनाएं शुरू करें, तो ट्रंप उन्हें रोक नहीं पाएंगे. ममदानी अपने चुनावी वादों के चलते भी ट्रंप के निशाने पर थे. ममदानी ने घरों का किराया फ्रीज करने, सभी के लिए फ्री बस सर्विस और सरकारी किराना दुकानें खुलवाने का वादा किया था.
2. शहर की फंडिंग रोकना आसान नहीं
चुनाव से पहले ट्रंप ने चेतावनी दी थी कि अगर ममदानी जीते, तो न्यूयॉर्क की फेडरल फंडिंग कम कर दी जाएगी. हालांकि अमेरिकी कानून के हिसाब से फेडरल फंडिंग अकेले राष्ट्रपति नहीं रोक सकते. इसके लिए कांग्रेस की मंजूरी चाहिए. इसलिए ट्रंप पूरा पैसा बंद नहीं कर पाएंगे, बस कुछ योजनाओं में देरी या दबाव डालने की कोशिश कर सकते हैं.
3. मेयर के काम में दखल नहीं दे पाएंगे
अमेरिका में हर राज्य और शहर को अपना प्रशासन चलाने की आजादी है. इसका मतलब यह है कि ट्रंप सीधे न्यूयॉर्क के मेयर या पुलिस, स्कूल, या सिटी काउंसिल के फैसलों में दखल नहीं दे सकते.वे चाहें तो बयान दे सकते हैं या राजनीतिक दबाव बना सकते हैं, लेकिन कानूनी रूप से दखलंदाजी नहीं कर सकते.
4. मेयर को पद से हटा नहीं पाएंगे
ट्रंप किसी शहर के मेयर को न तो खुद नियुक्त कर सकते हैं, न ही हटा सकते हैं. न्यूयॉर्क के लोगों ने अपने मेयर को वोट देकर चुना है. इसलिए ट्रंप सिर्फ बयानबाजी ही कर सकते हैं. ममदानी के मेयर बनने के बाद न्यूयॉर्क शहर में ट्रंप की शक्ति बहुत सीमित हो गई है. वे शहर की नीतियों, स्थानीय फैसलों या मेयर के कामकाज में सीधा आदेश नहीं दे सकते.













