रायपुर .छत्तीसगढ़ 44 फिसदी वनों से घिरा हुआ है. वनों के संरक्षण के नाम पर करोड़ों रुपए खर्च किए जा रहे हैं, लेकिन हैरानी की बात यह है कि कई महत्वपूर्ण वृक्षों की प्रजाति अब विलुप्ति की ओर है. सन् 1989 में साल के वृक्षों पर साल बोरर कीड़ा का प्रकोप था, जिसकी वजह से बड़ी संख्या में वृक्षों को काट दिया गया. इसी तरह राज्य में बीजा वृक्षों की प्रजाति अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रही है. वहीं शीशम की प्रजाति पूरी तरह विलुप्त हो चुकी है. इसके स्थान पर डल बर्जियां वृक्ष को शीशम का विकल्प बताया जा रहा है. इसकी जानकारी आरटीआई कार्यकर्ता कुणाल शुक्ला ने दी है. बता दें कि साल, बीजा और शीशम को काफी बेशकीमती लकड़ियों में गिना जाता है, जिसकी प्रजातियां राज्य के वनों से विलुप्ति की और है. विशेषज्ञों का मानना है कि कई ऐसे प्रजाति के वृक्ष होते हैं जिनके बीच अंकुरण में काफी दिक्कत होती है. वहीं साल ऐसी प्रजाति का वृक्ष है जो प्राकृतिक रूप से ही उगता है.
छत्तीसगढ़ में महत्वपूर्ण वृक्षों की प्रजाति अब विलुप्ति की ओर
November 30, 2018
32 Views
1 Min Read
You may also like
About the author
NEWSDESK
एक्सक्लूसीव
पत्नी के भरण पोषण के लिए देना होगा हर महीने 20 हजार रुपये
December 22, 2024
गली-गली में बिक रही अवैध शराब, प्रशासन की ढिलाई या संरक्षण का खेल?
December 22, 2024
सांसद बृजमोहन ने लोकसभा में उठाया ग्रामीण विकास का मुद्दा
December 18, 2024
Add Comment