रायपुर। देश-विदेश में प्रभु के नाम का स्मरण होता रहे, यह दिली इच्छा है चायवाले बाबा पंडित श्री नरेन्द्र नयन शास्त्री जी की। वैदिक आध्यात्म परंपरा प्राणधार श्रध्ये मां भगवती के उपासक एवं भगवताचार्य और त्रिकालदर्शी (चाउर वाले बाबा) की उपाधि से नवाजे गये श्रीश्री पंडित नरेन्द्र नयन शास्त्री जी का जन्म रायपुर जिला अंतर्गत ग्राम सिलयारी में 29.07.1987 को हुआ है, जो राजिम बनारस से शिक्षा प्राप्त हैं। उन्हें संस्कृत में शास्त्री आचार्य की उपाधि मिली है। बाबाजी का मानना है कि शास्त्र सम्मत श्रीमद् भागवत कृष्ण स्वरूप है। शास्त्री जी की दिली इच्छा है कि देश-विदेश में प्रभु का स्मरण हो। शास्त्री जी चाय पीकर जीवन व्यतीत कर रहे है। बाबाजी चायवाले बाबा के नाम से पूरे भारत वर्ष में विख्यात है। सम्मानित श्री गुरुजी हिंदू संस्कृति एवं वैदिक सनातन धर्म के व्यापक प्रचार-प्रसार हेतु पूरे देश में भागवत कथा ज्ञान यज्ञ का प्रसाद बांट चुके है।

बेमेतरा जिले के साजा विकासखंड के ग्राम देऊरगांव में स्थित फुरमानुक देवी मंदिर के पंडा महाराज पंडित अदृैत चौबे एवं छत्तीसगढ़ राज्य न्यूज पोर्टल के संपादक चंद्रभूषण वर्मा ने सिलयारी में पंडित नरेन्द्र नयन शास्त्री से आशीर्वाद प्राप्त किये। इस अवसर पर पंडा महाराज अदृैत चौबे ने पंडित नरेन्द्र नयन शास्त्री को देउरगांव फुरमानुक देवी मंदिर आने के लिये आग्रह किया।













