
जब भी व्यंग्य रचनाकारों की बात होती है तो आज भी वरिष्ठ पत्रकार भूपेन्द्र टिकरिहा (भोपू भैया ) को याद किया जाता है। पुराने पत्रकार उनकी व्यंग्य रचनाओं को स्मरण कर आज भी पुरानी यादों में खो जाते हैं। आज 18 फरवरी को श्री टिकरिहा जी की पुण्यतिथी है। उनके जमाने के वरिष्ठ पत्रकार बताते है कि श्री टिकरिहा जी नामचीन व्यंग्यकार थे, जिनकी व्यंग्य रूपी बाणों से कोई भी नहीं बच सका। पत्रकार बिरादरी में अन्य साथीगण उन्हे प्यार से भोपू भैया कहकर पुकारते है। उनके पुराने साथीगण बताते हैं कि वे दार्शनिक किस्म के व्यक्ति थे, पुराने दिनों याद करते हुए एक वरिष्ठ पत्रकार ने बताया कि एक दिन तो वे खुमरी पहनकर प्रेस कार्यालय पहुंच गये थे जिससे वहां का माहौल काफी खुशमिजाज हो गया था। भोपू भैया अपनी व्यंग्य रचनाओं के माध्यम से सामाजिक कुरीतियों पर करारा प्रहार करते थे, और हां जो अच्छे काम करते थे, उनकी तारीफ भी करने से नहीं चूकते थे। वरिष्ठ पत्रकार भूपेन्द्र टिकरिहा की आज पुण्य तिथि है। मृदुभाषी श्री टिकरिहा लंबे अर्से तक विभिन्न समाचार पत्र समूह से जुड़े रहे। सन् 1975 में नवभारत रायपुर से पत्रकारिता की शुरुआत करने के बाद 1976 में वे फर्टिलाइजर कार्पोरेशन लिमिटेड (असम) में जनसंपर्क अधिकारी बन गये। 1991 में उन्होंने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले ली और उसके बाद से वे लगातार विभिन्न समाचार पत्रों में अपनी सेवाएं दी। 1994-95 में वे दैनिक भास्कर में कार्यरत थे।












