Wednesday, December 10

भारत में कोविड-19 के सेकेंड वेव ने देश के हर नागरिक की जिंदगी बदल कर रख दी है. इलाज को लेकर तफऱा-तफऱी मची हुई है, कहीं दवाई की कमी है तो कहीं ऑक्सीजन की. आम जनता के साथ ही डॉक्टर्स और फ्ऱन्टलाइन वर्कर्स की मुश्किलें भी बढ़ी हैं. लोगों को जान बचाने के लिये हेल्थकेयर वर्कर्स को दिन-रात काम करना पड़ रहा है. हेल्थकेयर वर्कर्स के जज़्बे की एक ऐसी ही ख़बर आई है गुजरात से. द टाइम्स ऑफ इंडिया की एक ख़बर के अनुसार गुजरात के 2 डॉक्टर्स अपनी मां के गुजऱने के कुछ ही घंटों बाद वापस लोगों की जान बचाने के लिये ड्यूटी पर लौट आये. वडोदरा के एस.एस.जी अस्पताल की डॉ. शिल्पा पटेल अपने मां की मृत्यु के 6 घंटे बाद ही ड्यूटी पर लौट आईं. बीते गुरुवार को सुबह 3:30 बजे उनकी मां की मौत हो गई. डॉ. पटेल की मां ने उनसे कहा था कि किसी भी चीज़ से पहले है, उनकी ड्यूटी. बीते गुरुवार को ही गुजरात के गांधीनगर में डॉ.राहुल परमार ने अपनी मां को खो दिया. मध्य गुजरात के सबसे बड़े अस्पताल में कोविड मैनेजमेंट ऐंड पार्ट ऑफ़ डेड बॉडी डिस्पोज़ल टीम के नोडल ऑफिसर डॉ. परमार ने अपनी मां का क्रियाकर्म किया और उसके बाद कोविड वॉरियर का फर्ज़़ निभाने अस्पताल लौट आये. डॉ. परमार ने कहा कि उनकी मां की मौत प्राकृतिक कारणों से हुई और वो परिवार के साथ अंतिम संस्कार पूरा कर वडोदरा लौट गये. डॉ. परमार ने बताया कि पिछले साल दिसंबर में वो संक्रमित हो गये थे. और 14 दिन क्वारंटीन में रहने के बाद वे ड्यूटी पर लौट गये थे. एक साल से ज़्यादा हो चुका है और डॉ. परमार परिवारजनों को मृतकों के शरीर सौंप रहे हैं.

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