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जियो में निवेश का असर / रिलायंस जियो की डील से निवेशकों की हुई चांदी, आठ सौदों से 2.60 लाख करोड़ रुपए बढ़ी इनवेस्टर्स की संपत्ति

मुंबई. इस समय देश की सबसे बड़ी कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज (आरआईएल) के लिए सब कुछ बल्ले-बल्ले है। दो महीने में कंपनी के शेयरों ने निवेशकों को 85 प्रतिशत का लाभ दिया है। जियो में 8 कंपनियों के निवेश के बाद आरआईएल के निवेशकों की संपत्ति में करीब ढाई लाख करोड़ रुपए का इजाफा हुआ है। सोमवार को कंपनी के शेयर कारोबार के दौरान 1,624 रुपए के उच्च स्तर तक चले गए थे।

मार्च में आरआईएल के स्टॉक में हुई थी भारी बिक्री

आंकड़े बताते हैं कि मार्च में आरआईएल के स्टॉक में अच्छी खासी बिक्री हुई थी। इसके बाद यह स्टॉक टूटकर 867 रुपए के निचले स्तर तक आ गया था। हालांकि अप्रैल आते ही इस स्टॉक में खरीदारी दिखी और यह इस समय 1,570 रुपए पर कारोबार कर रहा है। यानी दो महीनों में इस शेयर ने 85 प्रतिशत का लाभ दिया। इस शेयर ने तब ऊपर की ओर यात्रा शुरू की जब जियो में डील शुरू हुई।

22 अप्रैल को जियो की हिस्सेदारी बिक्री की हुई थी पहली डील

जियो की पहली डील फेसबुक के साथ 22 अप्रैल को हुई थी। उसके बाद अब तक इसमें 8 कंपनियों ने शेयर खरीदा है। सोमवार को इसका शेयर हालांकि 1,624 रुपए को छू लिया, पर बाद में यह कुछ गिरावट के साथ 1,570 रुपए पर आ गया। यह तेजी इसलिए दिखी क्योंकि रविवार को इसमें अबूधाबी इनवेस्टमेंट अथॉरिटी ने 5,683 करोड़ रुपए के निवेश की घोषणा की। इसके बाद सोमवार को स्टॉक 2.74 प्रतिशत बढ़ गया। इससे इसका मार्केट कैपिटलाइजेशन 10.98 लाख करोड़ रुपए हो गया।

अब तक 97,000 करोड़ रुपए मिला जियो को 

बता दें कि 8 कंपनियों ने जियो प्लेटफॉर्म में अब तक 97,800 करोड़ रुपए से ज्यादा का निवेश किया है। रिलायंस इंडस्ट्रीज ने जियो में 21.06 प्रतिशत हिस्सेदारी बेच दी है। विश्लेषकों का अनुमान है कि यह शेयर 2,000 रुपए तक जा सकता है। इसका कारण यह है कि कंपनी कर्जमुक्त होने जा रही है और जियो एक नई आरआईएल की राह पर चल पड़ी है। आरआईएल और जियो पर 1.61 लाख करोड़ रुपए का कुल कर्ज है। इसे वह चुकाने के लिए अब करीब पहुंच गई है।

अपने प्रतिस्पर्धियों की तुलना में सबसे बेहतर रिटर्न दिया आरआईएल ने

23 मार्च के निचले स्तर से रिलायंस इंडस्ट्रीज का शेयर बीएसई सेंसेक्स और निफ्टी में बढ़नेवाला सबसे बड़ा स्टॉक अपने प्रतिस्पर्धियों की तुलना में रहा है। रिलायंस इंडस्ट्रीज जीरो डेट वाली अपने प्रतिस्पर्धियों की तुलना में पहली कंपनी होगी। आंकड़े बताते हैं कि जियो प्लेटफॉर्म की पहली डील अप्रैल से लेकर अब तक रिलायंस का मार्केट कैपिटलाइजेशन 2,69,311 करोड़ रुपए बढ़ा है। हालांकि मार्च के निचले स्तर से देखें तो यह इस समय दोगुना बढ़ा है। 23 मार्च को कंपनी का मार्केट कैपिटलाइजेशन 5,05,969 करोड़ रुपए था।

1.10 लाख करोड़ रुपए हो गया है कर्ज चुकाने के लिए कंपनी के पास

विश्लेषकों के मुताबिक रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी की जो सोच है, वह एक अदभुत सोच है। किसी कंपनी को जीरो डेट पर लाना एक ऐतिहासिक कदम है। कंपनी इसे मार्च के लक्ष्य से पहले ही हासिल कर लेगी। कंपनी को 1.10 लाख करोड़ रुपए जियो में हिस्सेदारी बेचने से मिला है जबकि 13,000 करोड़ रुपए राइट्स इश्यू से मिला है। साथ ही इसका अप्रैल से दिसंबर तिमाही का करीबन 53,000 करोड़ रुपए का कैश भी जनरेट होगा। इससे कुल मिलाकर कंपनी 1.61 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा की राशि तय समय से पहले जुटा लेगी।

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