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छत्तीसगढ़ राज्यों से

1 नवम्बर राज्य निर्माण दिवस से हो धान खरीदी, किसानों का किस्त 1 नवंबर के पूर्व जमा करे सरकार, मोर्चा करेगा प्रदर्शन….

रायपर। छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा इस वर्ष भी 1 दिसम्बर से धान खरीदी करने का जो निर्णय लिया है उसे छत्तीसगढ़ संयुक्त किसान मोर्चा ने किसानों के साथ धोखा और उपेक्षा निरूपित किया है। राज्य आंदोलनकारी किसान मोर्चा के प्रदेश नेता सर्व श्री जी.पी.चंद्राकर, अनिल दुबे, दीनदयाल वर्मा, जागेश्वर प्रसाद, लालाराम वर्मा, अशोक ताम्रकार, महेंद्र कौशिक, चेतन देवांगन, ईश्वर साहू, गोवर्धन वर्मा, चंद्रप्रकाश साहू, केशरी जैन ने कहा है कि पिछले वर्ष के धान खरीदी का अंतर राशि अभी तक पूरा नहीं किया गया है। मुख्यमंत्री द्वारा पिछले वर्ष घोषणा की गई थी कि केंद्र सरकार की समर्थन मूल्य एवं राज्य सरकार की 2500/-रु. प्रति क्विंटल की अंतर राशि को दो किस्तों में देने की घोषणा की गई थी कि पहला किस्त 1अप्रैल और दूसरा किस्त जून-जुलाई 2020 में दिया जाएगा। लेकिन बाद में उसे 4 किस्तों में देने की बात कह कर किसानों को छलने का काम किया है। उसी प्रकार से पुन: इस वर्ष का खरीफ फसल को 1 दिसम्बर 2020 से प्रारंभ करने की घोषणा कर एक तरफ अन्नदाता किसानों को पुन: छलने एवं धोखा देने का कार्य कर रही है। वहीं दूसरी ओर तीज-त्योहारों की खुशी से भी बंचित करने का अपराध कर रही है।किसान मोर्चा के नेताओं का साफ कहना है कि एक तरफ सरकार अपने आपको किसानों का हितैषी होने का डिंडोरा पीटते फिर रही है,वहीं दूसरी ओर किसानों को दीपावली, गोवर्धन पूजा, मातर मनाने की खुशी से वंचित रखने का षडयंत्र रच रही है। किसान मोर्चा का मुख्यमंत्री से मांग है कि इस वर्ष कम से कम 1 से 10 नवम्बर के बीच धान खरीदने की व्यवस्था करें ताकि 14-15-16 नवम्बर को होने वाली दीपावली त्योहार का किसान और खेतिहर मजदूर लाभ उठा सकें। 1 दिसंबर को धान खरीदी की घोषणा को सरकार वापस ले अन्यथा किसान मोर्चा आंदोलन करने लिए बाध्य होगा।

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