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काला, नीला और भूरा छोड़; शादी में सिर्फ लाल जोड़ा ही क्यों पहनती है दुल्हन

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हिंदू धर्म में शादी के रिश्ते को बेहद पवित्र माना जाता है. हिंदू शादियों में कई रीति-रिवाज होते हैं जिनका अपना खास महत्व होता है. यहां दुल्हन की ड्रेस से लेकर दूल्हे की पगड़ी तक हर एक चीज एक खास विचार को प्रकट करती है. जब भी आप किसी हिंदू शादी में जाएंगे, तब वहां पर दुल्हन की ड्रेस आपको लाल रंग की दिखाई देगी. ज्यादातर शादियों में दुल्हन लाल रंग का जोड़ा पहनती है. क्या आपने कभी यह सोचा है कि इस लाल रंग के जोड़े के पीछे कौन-सी कहानी जुड़ी हुई है. ज्योतिष शास्त्र के जानकारों का कहना है कि धार्मिक अनुष्ठानों के लिए लाल रंग बेहद शुभ होता है. शादी-विवाह और पूजा-पाठ जैसे शुभ अनुष्ठानों में लाल, पीले और गुलाबी रंग को अच्छा माना जाता है. लाल रंग को पॉजिटिव एनर्जी से जोड़कर देखा जाता है. जब शादी में कोई दुल्हन लाल रंग का जोड़ा पहनती है, तब ऐसा माना जाता है कि उसके आस-पास पॉजिटिव ऊर्जा का संचार होता है. लाल रंग सकारात्मक ऊर्जा को अपनी तरफ खींचता है, इसलिए शादी में दुल्हन लाल रंग का लहंगा पहनती हैं. बात सिर्फ लाल रंग पर ही खत्म नहीं होती है. आपको जानकर हैरानी होगी लेकिन शादी विवाह पूजा-पाठ जैसे शुभ कार्यक्रमों में कुछ रंगों पर पाबंदी भी है. काले, नीले और भूरे रंग के कपड़े शुभ आयोजनों पर नहीं पहने जाते हैं. ऐसा माना जाता है कि ये रंग अपनी ओर नेगेटिव एनर्जी को खींचते हैं. ऐसे में शुभ काम के अशुभ होने की संभावना ज्यादा बनी रहती है. इसी वजह इन रंगों को शुभ आयोजनों से दूर रखा जाता है.

नोट: यह सूचना इंटरनेट पर उपलब्ध मान्यताओं और सूचनाओं पर आधारित है। छत्तीसगढ़ राज्य न्यूज पोर्टल लेख से संबंधित किसी भी इनपुट या जानकारी की पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी और धारणा को अमल में लाने या लागू करने से पहले कृपया संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें।

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