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गुरुकुल महिला महाविद्यालय कालीबाड़ी दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन

भातखण्डे ललित कला शिक्षा समिति द्वारा संचालित गुरुकुल महिला महाविद्यालय कालीबाड़ी रोड़, रायपुर द्वारा आयोजित 02 दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का उद्घाटन समारोह 21 जुलाई को महाविद्यालय के गुरुकुल प्रेक्षागृह में आयोजित हुआ। कार्यक्रम का शुभांरभ सरस्वती वंदना एवं दीप प्रज्वलन से हुआ।


इस नैक स्पॉन्सर्ड राष्ट्रीय संगोष्ठी का विषय बैंचमार्किंग एक्सेलेंस इन रिसर्च एण्ड इनोवेशन है। उद्घाटन एवं प्रथम सत्र में डॉ. अरूणा पलटा, कुलपति, हेमचंद यादव विश्वविद्यालय दुर्ग, मुख्य अतिथि एव ंचेयरपर्सन के रूप में उपस्थित रही। इन्होंने आयोजक महाविद्यालय को सेमीनार आयोजन की बधाई देते हुए अपने व्याख्यान में कहा कि आज रिसर्च में क्वालिटी की जगह क्वांटिटी को प्राथमिकता दी जा रही है। उनका मानना है आज जो रिसर्च हो रहे है वो क्वालिटी के आधार पर होना चाहिए, साथ ही युवा वर्ग को रिसर्च के क्षेत्र में भागीदारी देनी चाहिए। आज जो रिसर्च हो रहा है वो समाज को ध्यान में रखकर किया जाना चाहिए ताकि समाज के लोग लाभान्वित हो सके। उन्होने ये भी कहा कि नवीन विचारों को आगे लाने की बात कही।
मुख्य वक्ता डॉ. उषा किरण अग्रवाल, विभागाध्यक्ष, मनोविज्ञान विभाग, शास. दू.बं. कन्या स्नातकोत्तर महाविद्यालय रायपुर ने ”क्वालिटी एजुकेशन कान्सेप्टस एण्ड इम्पलीमेन्टेशन” विषय पर व्याख्यान दिया एवं उच्च शिक्षा के क्षेत्र में शोध संहिता की आवश्यकता को बताते हुए इस विषय से संबंधित सभी आवश्यक पहलुओं पर प्रकाश डाला।
प्रथम दिवस द्वितीय सत्र की अध्यक्षता डॉ. मोनिका सेठी, कुलपति, के.के. मोदी विश्वविद्यालय दुर्ग ने किया। इन्होंने उच्च शिक्षा में रचनात्मकता और अनुसंधान डिजाईन, चुनौतिया और सुविधा प्रदान करने वाले कारक की जानकारी दी और कहा कि अगले पांच साल में वो स्वयं को कहा देखना चाहते है, इसके सपने देखना शुरु करे एवं खुद के स्ट्रेन्थ को पहचाने एवं स्किल डेवेलप करे, रोडमैप रेडी करे जो आपको अपने सपनों तक पहुँचाये।

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द्वितीय सत्र में डॉ. प्रशांत श्रीवास्तव, डीन, स्टुडेन्ट वेलफेयर, दुर्ग ने उच्च शिक्षा संस्थान निर्माण औैर नवीन उद्यमशीलता आयाम विषय पर प्रकाश डालते हुए कहा सोच को बदलिए पर पॉजीटिव तरीके से और तब तक संघर्ष करिए जब तक सफलता ना मिल जाये। असफलता से घबराना नही चाहिए। आप जितने धैर्यवान होंगे उतना सफल होंगे। उच्च शिक्षा की भूमिका के बारे में जानकारी दी और कहा कि उच्च शिक्षा में नवाचार पॉजीटिव होना चाहिए। उन्होंने राइट ऑफ एजुकेशन, डाइंमेशन ऑफ इनोवेशन, 04 टाइप्स ऑफ इनोवेशन इन इंटरप्रेन्योंरशिप, न्यु इनोवेशन आईडिया इन एजुकेशन सेक्टर के बारे में जानकारी दी। इस सेमिनार में छत्तीसगढ़ के अतिरिक्त महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, उडि़सा राज्यों से शिक्षाविद् शोध छात्र प्रतिभागी के रूप एवं स्नातकोत्तर कक्षाओं के छात्राओं ने हिस्सा लिया। महाविद्यालय के अध्यक्ष श्री अजय तिवारी, समिति सचिव श्रीमती शोभा खण्डेलवाल, प्राचार्य डॉ. संध्या गुप्ता, डॉ. तपेश चन्द्र गुप्ता, डीन, पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय, डॉ. देवाशीष मुखर्जी, प्राचार्य, महंत लक्ष्मीनारायण दास महाविद्यालय, रायपुर, डॉ. युलेन्द्र कुमार राजपुत, अग्रसेन महाविद्यालय, रायपुर, भट्टाचार्य सर एवं महाविद्यालय के सभी प्राध्यापक एवं छात्रायें इस सेमीनार में उपस्थित थे। इस सेमीनार के ऑर्गेनाइजिंग सेक्रेटरी डॉ. राजेश अग्रवाल एवं कंवेनर डॉ. अदिती जोशी है। कार्यक्रम का संचालन डॉ. सिमरन वर्मा द्वारा किया गया।

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