बिहार के शिक्षा विभाग ने एक नया कारनामा कर दिखाया है। दरअसल, शिक्षा विभाग ने एक बच्चे के TC में उसका डेट ऑफ बर्थ 30 फरवरी लिख दिया है। जबकि फरवरी महीने में सिर्फ 28 और 29 तारीख होते हैं। लेकिन यहां का शिक्षा महकमा इतना होशियार है कि उसने बिहार के लोगों को 30 फरवरी का दिन बना दिया। विभाग की इस लापरवाही से बच्चे के सामने कई प्रकार की समस्याएं आ गई हैं।
indiatv.in की खबर के अनुसार, मामला जमुई जिले के चकाई प्रखंड क्षेत्र के उत्क्रमित मध्य विद्यालय वाजपेईडीह का बताया जा रहा है। जहां एक आठवीं कक्षा में पढ़ने वाले अमन कुमार पिता राजेश यादव का ट्रांसफर सर्टिफिकेट विद्यालय प्रधानाध्यापक ने बनाया। सर्टिफिकेट में बच्चे की जन्म तीथी 30 फरवरी 2009 लिख दी गई। अब इस डेट की वजह से छात्र का कहीं पर भी एडमीशन नहीं हो रहा है। वहीं, छात्र को कक्षा 9वीं में एडमिशन लेना है लेकिन स्कूल की गलती से उसका नामांकन कही नहीं हो रहा है।
बच्चे के एडमिशन में आ रही है दिक्कत
अमन के पिता ने कहा कि स्कूल में हमने प्रधानाध्यापक से कई बार बच्चे की जन्मतीथी को सुधारने के लिए कहा लेकिन उन्होंने नहीं सुधारा। हमेशा वह कोई न कोई बहाना बनाते रहते थे। कभी कहते कि मुहर भूल गए तो कभी कहते कि वह आज स्कूल नहीं आएंगे। ऐसे में अब मेरे बच्चे का नामांकन 9वीं कक्षा में नहीं हो रहा है। स्कूल के कारनामे का खामियाजा मेरे बेटे को भुगतनी पड़ रही है।
शिक्षा पदाधिकारी ने कही कार्रवाई की बात
इधर, जब इस मामले को लेकर जिला शिक्षा पदाधिकारी से बात की गई तो उन्होंने कहा कि बच्चे कि TC का फोटो मुझे मिला था। ऐसी गलती जानबूझकर तो नहीं होती। गलती से बच्चे का डेट ऑफ बर्थ लिखा होगा और अगर यह गलती उन्होंने जानबूझकर की है तो उन पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी वह स्कूल में रहने के लायक नहीं हैं।