पी पी ओ में संशोधन कर ग्रेजव्टी, अवकाश नगदीकरण एवं अन्य आर्थिक लाभ देना होगा
वित्त विभाग छत्तीसगढ़ शासन द्वारा आज 3 अगस्त को एक आदेश जारी कर जून और दिसम्बर में रिटायर होने वाले शासकीय कर्मचरियों जुलाई और जनवरी में एक वेतन वृद्धि देने के बहुप्रतिक्षित मांग पूरी कर दी है। इस आदेश के जारी होने पर पी पी ओ में संशोधन कर ग्रेजव्टी, अवकाश नगदीकरण सहित अन्य आर्थिक लाभ पेंशनर्स को मिलेंगे।भारतीय राज्य पेंशनर्स महासंघ के राष्ट्रीय महामन्त्री तथा छत्तीसगढ़ राज्य संयुक्त पेंशनर फेडरेशन के अध्यक्ष वीरेन्द्र नामदेव ने छत्तीसगढ़ शासन के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया है। जारी विज्ञप्ति में आगे बताया है कि पेंशनर्स फेडरेशन ने मुख्य मंत्री, मुख्य सचिव को को पत्र प्रेषित कर सुप्रीम कोर्ट के निर्णय 15/12/22 के परिपालन में जून और दिसम्बर माह में सेवानिवृत होने वाले राज्य के अधिकारियों एवं कर्मचारियों को एक वेतनवृद्धि का लाभ देने सम्बन्धी आदेश जारी करने की मांग करता रहा है। मगर सरकार चुनावी माहौल में लाभ उठाने के मकसद से ही सही इन तिथियों में लाभ से वन्चित रिटायर लोगों को आदेश जारी कर खुश कर दिया है। इसके लिए पेंशनर फेडरेशन से जुड़े पेंशनर्स नेताओं ने सरकार का आभार माना है। जारी विज्ञप्ति में उन्होंने आगे बताया है कि सुप्रीम कोर्ट में दायर रिट A. No. 18143/2022 में दिये गए निर्णय अनुसार जून में सेवानिवृत कर्मचारियों को नियमानुसार एक वेतन वृद्धि का लाभ प्रदान करने का पात्र माना है। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसला में कहा है कि कर्मचारी द्वारा वर्ष भर सेवा करने के पश्चात, सेवा के बदले में मिलने वाले, सेवा लाभ, कर्मचारी के पक्ष में, विधिक/कानूनी अधिकार उत्पन्न करते हैं, उक्त उद्भूत विधिक अधिकार से कर्मचारी को वंचित नहीं किया जा सकता है, ना ही, निषेध किया जा सकता है। अतः, कर्मचारी को जुलाई में मिलने वाले, इंक्रीमेंट से वंचित नही किया जा सकता है। जब तक किसी दूसरे कारण से वेतन वृद्धि को नही रोका गया हो।ऐसा कोई नियम नहीं है, जो, पूर्व में की गई सेवा लाभ या वेतन वृद्धि प्राप्त करने के लिए, यह शर्त अधिरोपित करता हो, कि कर्मचारी को एक जुलाई को सेवा में निरंतर रहना पड़ेगा।वेतन में, वेतन वृद्धि प्रदान किया जाना, सेवा की एक शर्त है। वेतन वृद्धि, कलंक रहित सेवा के लिए, एक पारितोषिक है, जो कि एक अधिकार के रूप में परिवर्तित हो जाता है। वेतन वृद्धि प्रदान करने की कालावधि एक वर्ष है। कलंक रहित सेवा पूरे वर्ष देने के पश्चात , शासकीय कर्मचारी, वेतन वृद्धि का पात्र हो जाता है। जारी विज्ञप्ति में वीरेन्द्र नामदेव ने आगे बताया है कि सुप्रीम कोर्ट ने अक्टूबर 2022 में आर्म्ड फोर्सेज ट्रिब्यूनल के फैसले को जो कि, सेवानिवृत कर्मचारी के पक्ष में दिया गया था, उसके विरुद्ध केंद्र सरकार की अपील को खारिज कर, फैसले की पुष्टि की है। स्पष्ट शब्दों में कहा जाए तो सुप्रीम कोर्ट ने अपने ताजा फैसले में, 30 जून को रिटायर कर्मचारी को जुलाई में देय इंक्रीमेंट का पात्र माना है। पेंशनर्स फेडरेशन ने छत्तीसगढ़ शासन से लगातार मांग किया कि कर्मचारी हित में उचित निर्णय लेकर पात्र रिटायर कर्मचारियों को एक वेतन वृद्धि का लाभ देने हेतु निर्देश प्रसारित करने हेतु आवश्यक कार्यवाही करें।आज आदेश जारी कर मांग पूरी करने पर जारी विज्ञप्ति में भारतीय राज्य पेंशनर्स महासंघ से जुड़े प्रदेश के विभिन्न जिलों के नेता क्रमशः वीरेन्द्र नामदेव, डा डी पी मनहर, आर पी शर्मा, यशवंत देवान, पूरन सिंह पटेल द्रोपदी यादव,जे पी मिश्रा, अनिल गोल्हानी, बी एस दसमेर,बी के वर्मा,आर एन ताटी,दिनेश उपाध्याय, आर जी बोहरे,सी एम पांडेय,राकेश जैन,महेश पोद्दार,ओ पी भट्ट,बसंत गुप्ता,पिताम्बर पारकर, हेमंत टांकसाले,नागेश कापेवार,प्रवीण त्रिवेदी, डॉ पी आर धृतलहरे,एच एल नामदेव,के आर राजपूत,विनोद जैन, जे पी भारतीय,गायत्री गोस्वामी,अनूप डे, सी एल चंद्रवँशी,रामचंद्र नामदेव,शरद अग्रवाल,डॉ एस पी वैश्य,बी डी उपाध्याय,बी एल यादव,नरसिंग राम,आर के नारद, प्रदीप सोनी,सुरेश शर्मा,एस के चिलमवार,लोचन पांडेय,सुरेश मिश्रा,एस के एस श्रीवास्तव,आलोक पांडेय,तीरथ यादव,रमेशचन्द्र नन्दे,जगदीश सिंह,उर्मिला शुक्ला,कुंती राणा, वन्दना दत्ता,परसराम यदु,अनूप योगी,ओ डी उपाध्याय,बी एल गजपाल,एन के भटनागर, डी के त्रिपाठी, एम आर शास्त्री, मीता मुखर्जी, पुरषोत्तम दुबे, सोमेश्वर प्रसाद तिवारी,हरेंद्र चंद्राकर, इलियास मोहम्मद शेख, व्ही टी सत्यम, रैमन दास झाड़ी, मो. अय्यूब खान, रविशंकर शुक्ला, गुज्जा रमेश, सुरेश कुमार घाटोडे, लोकचंद जैन,बलराम, महेंद्र जैन,पी एन उड़कुड़े, मो.कासिम, सुभाष मंडल, जगदीश कनौजिया, मो.कसीमुद्दीन,कमल साय भद्रे, नागेंद्र सिंह आदि ने खुशी जाहिर कर मुख्यमन्त्री भूपेश बघेल को इस ऐतिहासिक निर्णय के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया है।