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प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक और सोशल मीडिया में प्रसारित समाचारों और विज्ञापनों पर रहेगी कड़ी निगरानी

कोण्डागांव ।  कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी कुणाल दुदावत की उपस्थिति में आगामी लोकसभा निर्वाचन 2024 के लिए गठित मीडिया प्रमाणन एवं अनुवीक्षण समिति का प्रशिक्षण आयोजित किया गया। रविवार को जिला कार्यालय के प्रथम तल स्थित सभाकक्ष में आयोजित प्रशिक्षण के दौरान कलेक्टर श्री दुदावत ने कहा कि मीडिया प्रमाणन एवं अनुवीक्षण का कार्य अत्यंत महत्वपूर्ण है और इसे पूरी सतर्कता एवं गंभीरतापूर्वक किया जाना है। जिला स्तरीय मीडिया प्रमाणन एवं अनुवीक्षण समिति प्रिंट मीडिया, इलेक्ट्रानिक मीडिया एवं सोशल मीडिया पर प्रकाशित व प्रसारित होने वाले राजनीतिक विज्ञापनों पर नजर रखेगी। राजनीतिक दल एवं निर्वाचन लड़ रहे अभ्यर्थियों को टेलीविजन चैनल या केबल नेटवर्क पर विज्ञापन जारी करने के पहले निर्वाचन आयोग द्वारा अधिकृत अधिकारी के समक्ष आवेदन करना होगा। इसके लिए राजनीतिक दलों एवं अभ्यर्थियों को किसी भी प्रकार के राजनीतिक विज्ञापन प्रकाशित एवं प्रसारित करने के पूर्व जिला स्तरीय समिति से प्रमाणन कराना जरूरी होगा। एमसीएमसी की टीम पैड न्यूज की मॉनिटरिंग कर सत्यापन करते हुए व्यय लेखा के समक्ष प्रस्तुत करेंगी। उन्होंने कहा कि जिला स्तरीय मीडिया प्रमाणन एवं निगरानी समिति का मुख्य कार्य इलेक्ट्रानिक मीडिया पर राजनीतिक विज्ञापनों का पूर्व प्रमाणन करना, पेड न्यूज के मामलों की निगरानी और प्रिंट सामग्री और सोशल मीडिया की कनटेन्ट निगरानी की कार्यवाही एवं चुनावी प्रक्रिया के दौरान आदर्श आचार संहिता के नियमों के उल्लंघन के मामलों की निगरानी करना है। आयोग के गाइडलाईन के अनुसार कोई भी राजनीतिक दल या प्रत्याशी या अन्य संस्था, व्यक्ति, मतदान एवं मतदान के एक दिवस पूर्व बिना जिला स्तरीय मीडिया प्रमाणन एवं निगरानी समिति के प्रमाणीकरण के प्रिंट मीडिया में विज्ञापन प्रकाशित नहीं करा सकेगा। शेष दिनों में भी प्रिंट माध्यम से विज्ञापन प्रकाशन की सूचना 72 घंटो के भीतर जिला स्तरीय मॉनिटरिंग समिति को देनी होगी।  नियमों का उल्लंघन करने पर संबंधित राजनीतिक दल अथवा व्यक्ति के विरूद्ध निर्वाचन आयोग के नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी। उन्होंने समिति के सभी सदस्यों को दिए गए कर्तव्यों का गंभीरतापूर्वक निर्वहन करने की समझाईश दी।  मीडिया प्रमाणन एवं निगरानी समिति की प्रशिक्षण के दौरान स्थानीय पत्रकारों को भी आमंत्रित किया गया था। कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी श्री दुदावत ने कहा कि लोकतंत्र के चौथे स्तंभ के तौर पर मीडिया की महत्वपूर्ण भूमिका है। उन्होंने कहा कि मीडिया द्वारा जिले में लगातार सकारात्मक कार्य किया जा रहा है। पिछले विधानसभा निर्वाचन के दौरान भी जिला प्रशासन द्वारा मतदाता जागरूकता कार्यक्रम में बढ़ चढ़ कर सहयोग किया गया, जिसके कारण जिले मतदान में वृद्धि हुई। उन्होंने कहा कि इस लोकसभा निर्वाचन के दौरान भी निर्वाचन संबंधी गतिविधियों का लगातार प्रचार प्रसार मीडिया के माध्यम से किया जाएगा। उन्होंने निर्वाचन के दौरान भ्रामक खबरों के प्रसारित होने से बचने के लिए मीडिया से सहयोग की अपील भी की। मीडिया प्रमाणन एवं अनुवीक्षण समिति के प्रशिक्षण के दौरान मास्टर ट्रेनर्स शिवलाल शर्मा द्वारा मीडिया प्रमाणन के संबंध में आयोग के प्रावधानों के विषय में विस्तृत प्रशिक्षण दिया गया। निर्वाचन के दौरान भ्रामक एवं अनर्गल प्रचार-प्रसार तथा जाति-धर्म के आधार पर प्रकाशन नहीं होना चाहिए। कोई भी राजनीतिक दल या प्रत्याशी या अन्य संस्था, व्यक्ति, मतदान के एक दिवस पहले बिना एमसीएमसी के प्रमाणीकरण के प्रिंट मीडिया में विज्ञापन प्रकाशित नहीं करा सकेगा। आदर्श आचार संहिता घोषणा के बाद मीडिया सेंटर सक्रियतापूर्वक कार्य करेंगे। उन्होंने सोशल मीडिया की मॉनिटरिंग करने के लिए भारत निर्वाचन आयोग के दिशा-निर्देश के संबंध में जानकारी दी। मास्टर ट्रेनर्स ने बताया कि सोशल मीडिया में संदेश, टिप्पणी, फोटो, वीडियो, ब्लॉग या सेल्फ अकाउंट, वेबसाईट पर अधिप्रमाणन की आवश्यकता नहीं होगी किंतु इसकी सामग्री निरीक्षण के दायरे में होगी। सोशल मीडिया विज्ञापन पर किया गया व्यय कंटेंट, वेतन, इंटरनेट कंपनी को भुगतान चुनाव व्यय में सम्मिलित होगा। ई-पेपर पर राजनीतिक विज्ञापन का अधिप्रमाणन आवश्यक है। आयोग के आदेशानुसार इलेक्ट्रॉनिक मीडिया विज्ञापन में टीवी, चैनल, केबल के साथ रेडियो, एफएम, चैनल, सिनेमाघरों में प्रसारित राजनीतिक विज्ञापनों भी दायरे में होंगे। सोशल मीडिया में शांति भंग करने, सामाजिक सौहार्द्र बिगाडने, देश के संविधान और कानून के विपरीत, नैतिकता, सदाचार के विपरीत और किसी की धार्मिक आस्था को ठेस पहुंचाने वाली सामग्री प्रतिबंधित होगी। आदर्श आचार संहिता के विपरीत पाये जाने वाले किसी विज्ञापन को प्रकाशन, प्रसारण की अनुमति नहीं दी जाएगी। इस दौरान मीडिया प्रमाणन के संबंध में सर्वोच्च न्यायालय व निर्वाचन आयोग के निर्देश, प्रमाणन के आधार, समिति का अधिकार क्षेत्र, मीडिया प्रमाणन की आवश्यकता, टाईमलाईन, आवेदन, आवेदन पत्र प्रारूप व अनुलग्नक, विज्ञापन का प्रमाणीकरण, प्रमाणन ऑनलाईन, मीडिया निगरानी, पेड न्यूज, फेक न्यूज सहित अन्य विषय पर जानकारी दी गई। इस दौरान समिति के सदस्यों एवं अधिकारी-कर्मचारियों के जिज्ञासाओं का समाधान भी किया गया। इस अवसर पर उप जिला निर्वाचन अधिकारी चित्रकांत चाली ठाकुर, संयुक्त कलेक्टर अजय उरांव, जिला जनसंपर्क अधिकारी अर्जुन पाण्डेय सहित मीडिया प्रमाणन एवं निगरानी समिति के अधिकारी कर्मचारी एवं पत्रकारगण उपस्थित थे।

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