बेमेतरा। राज्य सरकार द्वारा मानवीय सहानुभूति को ध्यान मे रखते हुए अनुकम्पा नियुक्ति मे 10 प्रतिशत के सीमा बन्धन को 31 मई 2021 की स्थिति मे समाप्त कर दिये जाने से प्रदेश के दिवंगत शासकीय कर्मचारियों/अधिकारियों के स्वजनों को अनुकम्पा नियुक्ति का रास्ता खुल गया है। बेेमेतरा जिले के शासकीय मिडिल स्कूल कोदवा (वि.ख. बेरला) मे पदस्थ गणित शिक्षक स्व. गणेश प्रसाद साहू की 23 मई 2021 को कोरोना बीमारी से असमय मौत हो गई। ऐसे समय मे उनके परिवार के समक्ष भरण-पोषण की समस्या ख?ी हो गई। लगभग 42 वर्षीय शिक्षक स्व. गणेश साहू के परिवार मे पत्नी के अलावा दो पुत्री एवं एक पुत्र है। एक बेटी कक्षा 10वीं एवं दूसरी बिटिया कक्षा 8वीं मे अध्ययनरत है, जबकि बेटा कक्षा चैथी मे है। उनका संयुक्त परिवार है। शिक्षक गणेश साहू की पत्नी श्रीमती नीतू साहू एक पढ़ी लिखी महिला है। नीतू ने बी.एस.सी., डीएड. एवं टीईटी परीक्षा भी उत्तीर्ण कर ली है। पति के निधन के 10-12 दिन के भीतर ही नीतू को सहायक शिक्षक के पद पर शासकीय प्राथमिक स्कूल बालक देवरबीजा मे नियुक्ति आदेश मिला है। उन्होने अपनी नौकरी ज्वाईन भी कर ली है। शासन के इस राहत भरे फैसले पर नीतू ने प्रदेश के संवेदनशील मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के प्रति आभार जताया। उन्होंने कहा कि पति के न होने से परिवार अधूरापन यद्यपि कभी खत्म नहीं होगा, लेकिन छत्तीसगढ़ सरकार ने एक अभिभावक की भूमिका निभाते हुए अनुकम्पा नियुक्ति प्रदान की। नीतू ने कहा कि उसने कभी सोचा नहीं था कि अनुकम्पा नियुक्ति के अनेक लंबित प्रकरणों के बीच उनको नौकरी इतनी जल्दी मिल पाएगी। प्रदेश सरकार की संवेदनशीलता के चलते ही यह सम्भव हो पाया और आज वह अपने परिवार के लिए कुछ करने लायक सक्षम हो पाईं। उन्होंने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और उनकी सरकार के प्रति आभार प्रकट करते हुए इस निर्णय को ऐतिहासिक बताया।
कोरोना ने छीनी पति की जिन्दगी, सहारा बनी अनुकम्पा नियुक्ति
June 9, 2021
43 Views
2 Min Read
You may also like
About the author
NEWSDESK
Cricket Score
Live COVID-19 statistics for
India
Confirmed
0
Recovered
0
Deaths
0
Last updated: 10 minutes ago