कन्फडरेशन ऑफ आल इंडिया ट्रेडर्स का दावा है कि देश कोरोना की मार से उबर रहा है और इस साल दीपावली पर पिछले 10 सालों की तुलना में रिकॉर्ड खरीदारी की गई. आंकड़ों की भाषा में कहें तो इस बार दिवाली पर लगभग 1.25 लाख करोड़ का व्यापार हुआ. CAIT के महासचिव प्रवीण खंडेलवाल ने TV9 भारतवर्ष से खास बातचीत में बताया कि प्रधानमंत्री मोदी के ‘Vocal For Local’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ के अभियान को आगे बढ़ाते हुए उनके व्यापारिक संगठन ने भी चीन के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए चीनी सामान के पूर्ण बहिष्कार की मुहिम चला रखी है, मुहिम का पूरे देश में व्यापक असर भी देखने को मिल रहा है. चीन को इस दीपावली पर करीब 50 हजार करोड़ का व्यापारिक नुकसान हुआ है. पहले भारतीय व्यापारी और खरीददार कई चीजों के लिए चीनी उत्पादों पर निर्भर रहते थे लेकिन इस बार सभी छोटे-बड़े व्यापारियों और कारीगरों ने मिलकर निर्भरता को कम कर खुद उनका उत्पादन किया.
अनुमान का आधार क्या है?
चीन को लगे इस व्यापारिक झटके का अनुमान किस आधार पर और कैसे लगाया गया इसका जवाब देते हुए प्रवीण खंडेलवाल ने बताया कि बिक्री के आंकड़े उसके रिसर्च विंग CAIT Research & Trade Development Societyके द्वारा किए गए सर्वे से जुटाए गए हैं जिसमें देश के सभी बड़े व्यापारिक केंद्र शामिल हैं. खंडेलवाल का दावा है कि आने वाले समय में चीन को और बड़ी चुनौती दी जाएगी 50 हजार करोड़ के आंकड़े के 1.5 लाख करोड़ तक ले जाया जाएगा.
किन उत्पादों ने बदली तस्वीर?
ष्ट्रढ्ढञ्ज के महासचिव प्रवीण खंडेलवाल बताते हैं कि दीपावली के मौके पर खास तौर से खिलौने, बिजली के उपकरण और सामान, रसोई के सामान, गिफ्ट आइटम्स, होम फर्निशिंग, बर्तन, जूते, घडय़िां, फर्नीचर, कपड़े, फैशन परिधान जैसे तकरीबन 35 से 40 आइटम्स थे. जिनको बड़ी मात्रा में चीन से आयात किया जाता था लेकिन इस बार देश के छोटे कारीगरों, कुम्हारों, शिल्पकारों और स्थानीय कलाकारों ने मिट्टी के दीए से लेकर सजावटी सामान, गिफ्ट आइटम्स और लडीयों का देश में ही निर्माण किया और लोगों ने इन आइटम्स की जमकर खरीदारी भी की.
CAIT की सरकार से गुजारिश
कैट के महासचिव प्रवीण खंडेलवाल का कहना है कि सरकार की पहल बहुत अच्छी है लेकिन पूर्ण रूप से आत्मनिर्भर भारत के सपने को साकार करने के लिए जरूरी है कि सरकार उद्यमियों के साथ मिलकर रणनीति बनाएं और उन्हें प्रोत्साहित करे.