आचार्य चाणक्य ने जीवन दर्शन के बारे में कई सीख दी है, जिनका पालन करके हम अपने जीवन में सफलता पाई जा सकती है। आचार्य चाणक्य ने कुछ स्थान व घटनाओं पर हमेशा चुप रहने की सलाह दी है। चाणक्य नीति के अनुसार इन स्थानों पर व्यक्ति को हमेशा धैर्य का पालन करना चाहिए और किसी का पक्ष न लेते हुए चुप्पी साध लेना चाहिए।
विवाद हो रहा हो तो चुप्पी साध लें
अगर कहीं भी झगड़ा हो रहा हो हमें वहां पर चुप रहना चाहिए। अगर हमारा इस लड़ाई से कोई संबंध नहीं है तो हमें वहां पर हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए। नहीं तो हम अपने आप को एक बड़ी मुसीबत में डाल बैठेंगे। ऐसे समय में लड़ाई को मौन रहकर देखने में फायदा है। नहीं तो बिन बुलाए मुसीबत गले आ सकती है।
कोई खुद की प्रशंसा कर रहा हो तब भी चुप रहे
आचार्य चाणक्य ने कहा है कि जब कोई व्यक्ति खुद की प्रशंसा कर रहा हो वहां वहां पर भी बिल्कुल शांत रहना चाहिए। हमें कभी भी खुद की तारीफ नहीं करनी चाहिए और अगर जहां पर लोग अपना अहंकार दिखा रहे हैं वहां तो चुप रहना ही बेहतर है।
मूर्ख व्यक्ति के सामने भी चुप रहें
आचार्य चाणक्य ने कहा है कि मूर्ख व्यक्ति अक्सर कुतर्क में ही समय नष्ट करते रहते हैं जबकि बुद्धिमान व्यक्ति ज्ञान को ग्रहण कर उसे अपने जीवन में उतार लेते हैं। मूर्ख व्यक्ति को कोई भी समझा नहीं सकता है अत: बेहतर यही होता है कि उनसे बहस न की जाए, ना ही उन्हें समझाने का प्रयास किया जाए। आचार्य चाणक्य ने कहा है कि मूर्ख व्यक्ति के लिए किताबें मूल्यहीन ही है और किताबों में लिखी ज्ञान की बातें फिजूल है। ऐसे लोगों से भी कभी बहस नहीं करना चाहिए।
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