रायपुर। 10 अप्रैल 2023 को राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक, सदस्य डॉ. अनिता रावटे एवं अर्चना उपाध्याय ने आज छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग कार्यालय रायपुर मे महिला उत्पीडऩ से संबंधित प्रस्तुत प्रकरणों पर जनसुनवाई की । छत्तीसगढ़ महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ किरणमयी नायक की अध्यक्षता में आज 167 वीं जन सुनवाई हुई। रायपुर की आज की जनसुनवाई में कुल 33 प्रकरण सुनवाई हेतु रखे गये थे। एक प्रकरण में आवेदिका ने अनावेदक गणों के ऊपर उधार पैसे मांगने के नाम पर परेशान करने का प्रकरण दर्ज कराया गया था। जिसमें आवेदिका पेशे से एक वकील है और उसके पिताजी द्वारा अनावेदक गणों से उधार में लाखों रुपए लिए गए हैं। इस प्रकरण में सुनवाई करते हुए डॉक्टर किरणमयी नायक ने कहा कि उधार लेने वाली वकील ने पैसा वापस करने से बचने के लिए झूठा केस दर्ज कराया और आयोग को ही बदनाम करने की कोशिश करते हुए घर में पोस्टर लगाया है कि (उधार लेने के लिए कृपया महिला आयोग में संपर्क करें) जोकि गैर कानूनी है। इसलिए मूल आवेदन को नस्तीबद्ध किया जाता है और अनावेदक द्वारा दिए गए आवेदन पर डीएसपी की जांच रिपोर्ट आने के पश्चात अनावेदक को आवेदक एवं आयोग के सचिव को आवेदक के रूप में जोड़ा जाता है और आवेदिका को अनावेदिका बना कर आगामी सुनवाई में रखा जाता है। अन्य प्रकरण में आवेदिका अपनी नातिन जिसकी उम्र 5 वर्ष है उसे लेकर उपस्थित हुई थी। दुसरे पक्ष से अनावेदिका अपने मामा, और अपने पति के साथ उपस्थित हुई थी। आवेदिका ने बताया कि उसकी बेटी ने स्व. कमलनाथ के साथ लव मैरिज की थी जिसके फलस्वरूप उनकी पुत्री है जिसकी उम्र अभी लगभग 5 वर्ष है। उसकी जन्म दिनांक 25 दिसंबर 2017 को हुआ था। जिसके बाद आवेदिका की बेटी और उसके दामाद का तलाक़ हो गया था। तब अवेदिका ने अपने नातिन को अपने साथ रखी है। 2022 में आवेदिका के दामाद की मृत्यु के पश्चात उसकी बहन नंदिनी वर्मा ने फर्जी वसीयतनामा से अपने भाई की संपत्ति को अपने नाम करा कर पूरी संपत्ति को बेच दिया। आज आयोग के समक्ष अनावेदिका ने अपने भाई जोकि आवेदिका का दामाद है। उसने अपने कथन कहा कि मेरे भाई का बच्चा पैदा करने की योग्यता नहीं था। वह बच्ची मेरे भाई की बेटी नहीं है। छत्तीसगढ़ महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ किरणमयी नायक ने सुनवाई करते हुए कहा कि इस स्तर पर जब अनावेदिका ने इस बात को चुनौती दिया है कि यह बच्ची उसके भाई की बेटी नहीं है ऐसी स्थिति में अनावेदिका, आवेदिका की बेटी और उस बच्ची का ष्ठहृ्र टेस्ट किया जाए बच्ची की मां ने अन्यत्र विवाह कर लिया है, जिससे संपर्क कर आयोग को सूचित किया जाए अगर बच्ची की मां से संपर्क नहीं होता है तो आवेदिका जो कि बच्ची की नानी है जिसकी डीएनए टेस्ट किया जाए। अन्य प्रकरण में आवेदिका को समझाई दिए जाने पर उनके प्रकरण पर विचार करने के लिए समय की मांग किया गया अनावेदक ने अपने शराब छोडऩे के लिए समय की मांग किया तथा अनावेदक ने आवेदिका को आयोग के समझाइश पर 1500 रूपए प्रति माह भरण-पोषण देना भी स्वीकार किया। अन्य प्रकरण में आयोग की अध्यक्ष डॉ किरणमयी नायक द्वारा सुनवाई करते हुए कहा गया कि आवेदिका ने अपने आवेदन में लिखा है कि वह पैसा लेने अनावेदक गणों के घर गई थी जहां पर उसके साथ दुर्व्यवहार किया गया। इस प्रकरण में आवेदिका को पुलिस थाना में कार्रवाई करने के लिए लिखना था। अनावेदक पक्ष जो आपस में भाई-भाई हैं और यह प्रकरण दीवानी न्यायालय क्षेत्र अधिकार का है। दोनों पक्ष को समझाइश दिया गया कि आपस में बैठकर सुलह करा लें साथ ही प्रकरण नस्तीबद्ध किया जाता है। अन्य प्रकरण में आवेदिका ने बताया कि दिसंबर 2022 में शादी होने के बाद महज 12 दिन ससुराल में रही है। अनावेदक का कथन है कि आवेदिका के स्वास्थ्य को छिपाकर विवाह किया गया। दोनों पक्षों को आयोग द्वारा समझाइश दिया गया जिसके पश्चात अनावेदक पक्ष आवेदिका पक्ष को सामान वापस करने को तैयार है। इस हेतु वकील और काउंसलर की टीम गठित किया जाता है जिसका आना-जाना का खर्च एवं फीस उभय पक्ष वहन करेंगे और दोनों पक्षों की सहमति से टीम के जाने की तिथि तय की जाएगी इसके रिपोर्ट के आधार पर प्रकरण आगामी सुनवाई हेतु रखा जाएगा। अन्य प्रकरण में पूर्व में इस आवेदिका ने आयोग के प्रकरण दर्ज कराया था तब आयोग के निर्देश के बाद मौजूदा मकान में इस अनावेदिका को दो कमरा बनाने के लिए अनुमति प्रदान किया गया था। अनावेदिका मकान बनाकर रह रही है। आवेदिका ने आज निवेदन किया है कि यहां मकान तीनों बेटों के नाम पर दर्ज होना था। इस बात को अनावेदिका ने भी स्वीकार किया तीनों बेटों की संयुक्त संपत्ति है। पूर्व में अनावेदिका के पति का नाम दर्ज हो गया था और अनावेदिका भी दोनों का नाम दर्ज कराने हेतु सहमत है। पर वह चाहती है कि तीनों को बराबर ही संपत्ति दिया जाए इस स्तर पर आयोग की ओर से यह भी सुझाव दिया गया कि आवेदिका मां है जब तक वह जीवित है पूरा हक है अत: इस संपत्ति को चारों का नाम दर्ज कराना उचित होगा लेकिन इसके पूर्व स्थल निरीक्षण के लिए आयोग की तरफ से टीम भेजा जाएगा तथा काउंसलर को नियुक्त किया जाता है। स्थल निरीक्षण कर नक्शा बनाकर आयोग में प्रस्तुत किया जाए।
उधार लेने वाली वकील ने दर्ज कराया झूठा केस, आयोग को बदनाम करने का किया प्रयास
April 11, 2023
259 Views
5 Min Read
You may also like
Breaking • एक्सक्लूसीव • छत्तीसगढ़ • दिल्ली • देश
सामान खरीदी करने पर रसीद जरूर मांगे उपभोक्ता
May 19, 2024
About the author
NEWSDESK
Cricket Score
Live COVID-19 statistics for
India
Confirmed
0
Recovered
0
Deaths
0
Last updated: 11 minutes ago