Home » ‘छत्तीसगढ़ के विभूति’ पुस्तक का राजस्व मंत्री टंक राम वर्मा ने किया विमोचन, कहा-महान विभूतियों के बारे में जानकारी संकलित करना प्रशंसनीय
Breaking छत्तीसगढ़ राज्यों से

‘छत्तीसगढ़ के विभूति’ पुस्तक का राजस्व मंत्री टंक राम वर्मा ने किया विमोचन, कहा-महान विभूतियों के बारे में जानकारी संकलित करना प्रशंसनीय

 छत्तीसगढ़ राज्य आंदोलनकारी जागेश्वर प्रसाद जी के 79 जन्मदिन पर छत्तीसगढ़ के महा विभूतियों पर पुस्तक का कैबिनेट मंत्री श्री टंकराम वर्मा ने किया विमोचन राज्य आंदोलनकारियों पर छत्तीसगढ़ी साहित्य और पुरखों को संग्रहित करने का दिया संदेश रायपुर 14 जुलाई 2024।छत्तीसगढ़ राज्य निर्माण के प्रमुख आंदोलनकारी एवं लोकतंत्र सेनानी छत्तीसगढ़ी भाषा के संघर्षकर्ता श्री जागेश्वर प्रसाद जी के जन्म दिवस के अवसर पर “छत्तीसगढ़ के विभूति ” नामक पुस्तक का विमोचन का आयोजन आनंद समाज वाचनालय कंकालीनपारा में किया गया।जिसके मुख्य अतिथि श्री टंकराम वर्मा कैबिनेट मंत्री छत्तीसगढ़ शासन, अध्यक्षता श्री अरविंद मिश्रा वरिष्ठ लेखक एवं अध्यक्ष भारतीय संस्कृति निधि छत्तीसगढ़,विशेष अतिथि के.के.अग्रवाल वरिष्ठ इतिहासकार, राज्य आंदोलनकारी दाऊ जी.पी. चंद्राकर थे। सभी अतिथियों का स्वागत राज्य आंदोलनकारी किसान मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष श्री अनिल दुबे ने किया।इस अवसर पर छत्तीसगढ़ी बोलव,छत्तीसगढ़ी पढ़व,छत्तीसगढ़ी लिखव आंदोलन के श्री नंदकिशोर शुक्ला का भी स्वागत किया गया।कार्यक्रम का आधार वक्तव्य रखते हुए वरिष्ठ कवि गीतकार रामेश्वर वैष्णव ने कहा कि छत्तीसगढ़ के विभूति पुस्तिका के रचनाकार श्री जागेश्वर प्रसाद जी राज्य आंदोलन,राजभाषा आंदोलन एवं छत्तीसगढ़ी पत्रिका के पुरोधा होते हुए भी अपने आप को कभी प्रदर्शित नहीं किया ना श्रेय हमेशा अपने आप को छत्तीसगढ़, छत्तीसगढ़ी एवं छत्तीसगढ़ियों का सेवक मानकर अपना सर्वत्र जीवन समर्पित कर दिया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि राजस्व मंत्री श्री टंकराम वर्मा ने कहा कि छत्तीसगढ़ के विभूतियों को स्मरण करना एवं सम्मान करना हम सभी लोगों का प्रथम कर्तव्य है।क्योंकि इतिहास पुरुषों के स्मरण करने से हम लोगों में स्वाभिमान जागरण होता है साथ ही साथ भावी पीढ़ी के लिए प्रेरणादाई होता है।छत्तीसगढ़ के विभूति पुस्तिका के रचनाकार राज्य आंदोलनकारी श्री जागेश्वर प्रसाद जी को हृदय से बधाई देता हूं,क्योंकि इससे छत्तीसगढ़ी माटी पुत्रों में जागरण एवं आत्मबोध पैदा होता है।विशेष अतिथि डॉ.के.के. अग्रवाल वरिष्ठ इतिहासकार ने कहा कि ऐसा साहित्य सीजन से अपने पुरखों द्वारा किया विभिन्न इतिहासों की जानकारी मिलती है एवं भावी पीढ़ी को अनेकों सीख मिलती है। विशेष अतिथि राज्य आंदोलनकारी दाऊ जी.पी. चंद्राकर ने कहा कि श्री जागेश्वर प्रसाद जी का योगदान राज्य निर्माण,भाषा निर्माण सहित मजदूर, बेरोजगार एवं किसानों को अधिकार दिलाने के संघर्ष में विशेष योगदान है। कार्यक्रम के अध्यक्षता कर रहे श्री अरविंद मिश्रा ने कहा कि राज्य आंदोलनकारी जागेश्वर प्रसाद जी द्वारा रचित छत्तीसगढ़ के विभूति नमक लघु पुस्तिका से हमारे इतिहास पुरुषों द्वारा किए गए आंदोलन,सेवा और त्याग से अनेकों प्रेरणादायी सीख मिलता है। इससे हम लोगों के जीवन में कुछ करने की प्रेरणा मिलती है।आशीर्वचन के दो शब्द छत्तीसगढ़ी राजभाषा के प्रमुख आंदोलनकारी श्री नंदकिशोर शुक्ला ने भी संबोधन किया।कार्यक्रम में दर्जनों साहित्यकार,प्रदेश के वरिष्ठ कवि,कलाकार,पत्रकार रामेश्वर वैष्णव परदेसी राम वर्मा,प्रो.बेहार,चेतन देवांगन,डॉ.सुधीर शर्मा,गुलाब वर्मा राजेश सिंह बिसेन,डॉ.वैभव पांडे,राम अवतार तिवारी,संजीव साहू,जयंत साहू,दिलीप कौशिक,किसान नेता राज्य आंदोलनकारी अनिल दुबे,वेगेंद्र सोनवेर,विमल ताम्रकार,श्यामूराम सेन,अशोक कश्यप,बंधु राजेश्वर खरे,मिलेश साहू, ईश्वर साहू,श्रीमती लता राठौर,कमला सिरमौर,चंद्रकला कश्यप,मुक्ति बैस सहित अनेको साहित्यकार एवं गणमान्य नागरिक उपस्थित थे। कार्यक्रम का सफल संचालन संस्कृति कर्मी विजय मिश्रा(अमित) ने किया।आभार प्रदर्शन राजभाषा आंदोलनकारी संजीव साहू ने किया।

About the author

NEWSDESK

Advertisement

Advertisement