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उजड़ते आशियाने से पक्के सपनों तक : गुरुवारी बाई की नई जिंदगी

रायपुर. पहाड़ी कोरवा जनजाति की गुरुवारी बाई की जिंदगी मिट्टी के उस कच्चे मकान जैसी थी, जो हर बारिश में ढहने की कगार पर आ जाता था। उम्र का भार, गरीबी की मार और जंगलों के बीच गुमनामी ने उनके सपनों को भी दबा दिया था। पति की मौत के बाद वह खुद को और बच्चों को संभालने में जुट गईं, लेकिन वक्त की मार ने उन्हें उम्मीदों के हर रास्ते से दूर कर दिया था।

गुरुवारी बाई को यकीन नहीं था कि उनके सपनों का कोई भविष्य होगा। उनका मिट्टी का घर साल-दर-साल बारिश और प्राकृतिक आपदाओं से टूटता चला गया। हाथियों के खतरों और बारिश में टपकती छत के बीच, वह हर साल अपने घर की दीवारों को मिट्टी से भरकर किसी तरह घर को खड़ा रखती थीं। लेकिन बढ़ती उम्र के साथ यह भी उनके लिए मुश्किल हो गया।

एक दिन, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के उन गुमनाम और पिछड़े परिवारों के जीवन को संवारने के लिए पीएम जनमन आवास योजना की शुरुआत की। इस योजना ने गुरुवारी बाई जैसी विशेष पिछड़ी जनजाति के परिवारों को उम्मीदों की नई रोशनी दी।

कोरबा जिले के सरडीह गांव की निवासी गुरुवारी बाई के लिए यह योजना एक वरदान बनकर आई। जैसे ही उन्हें यह खबर मिली कि उनके परिवार का पक्का मकान बनेगा, उनकी आंखों में नए सपने चमकने लगे। शुरू में उन्हें यकीन नहीं हुआ, लेकिन जब दस्तावेज जमा हुए और उनके घर के निर्माण का काम शुरू हुआ, तो उन्होंने अपने जीवन में पहली बार राहत महसूस की। गुरुवारी बाई का कहना है, ‘जब मैंने अपने कच्चे और ढहते हुए मकान के सामने पक्की दीवारों को खड़ा होते देखा, तो दिल को सुकून मिला। अब मुझे अपने बच्चों के भविष्य की चिंता नहीं करनी पड़ेगी।’

पीएम जनमन योजना के तहत बन रहे उनके पक्के मकान ने उनके जीवन को एक नई दिशा दी है। अब वह अपनी झोपड़ी की चिंता छोड़कर, मजबूत नींव पर खड़ी दीवारों में अपने बच्चों के सुनहरे भविष्य की कल्पना कर रही हैं। वह कहती हैं, यह मकान मेरे लिए सिर्फ एक घर नहीं, बल्कि एक नई जिंदगी है। प्रधानमंत्री ने हम जैसे गरीब परिवारों के लिए सोचा, यही बहुत बड़ी बात है। गुरुवारी बाई अब आने वाले दिनों में अपने नए घर में सुकून और सुरक्षा के साथ जीवन बिताने की तैयारी कर रही हैं। उनके लिए यह मकान सिर्फ एक आशियाना नहीं, बल्कि उनकी उम्मीदों और संघर्ष की जीत है।

गुरुवारी बाई की यह कहानी केवल उनकी नहीं, बल्कि उन सैकड़ों परिवारों की है जो जंगलों में गरीबी और गुमनामी के बीच बसर कर रहे थे। पीएम जनमन योजना उनके जीवन में नई रोशनी लेकर आई है, और यह साबित करती है कि सरकार की योजनाएं सही दिशा में काम करें, तो लोगों के जीवन में असल बदलाव संभव है। गुरुवारी बाई का पक्का मकान न केवल उनका आशियाना है, बल्कि उनके सपनों का वह पुल भी है, जो उजड़ते घर से एक नई जिंदगी की ओर ले जाता है।

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