देहरादून। उत्तराखंड के चमोली जिले में ग्लेशियर टूटने से आई बाढ़ की वजह से तवोवन जिले के लगभग 13 गांव से संपर्क पूरी तरह टूट गया है। रविवार को ग्लेशियर के टूटने से आई तबाई ने क्षेत्र में सीमा सड़क संगठन के 5 पुलों को पूरी तरह तबाह कर दिया था। इस चार छोटे और एक बड़े पुल के माध्यम से इन 13 गांवो तक पहुंचा जाता था। अधिकारियों ने बताया है कि इन गांवों से सड़क मार्ग का संबंध टूट गया है और वायु मार्ग के जरिए गांव के लोगों तक खाना पहुंचाया जा रहा है। तपोवन में एक महत्वपूर्ण सुरंग के दृश्य कीचड़ और मलबे में ढके ढांचे को दर्शाते हैं। इस हादसे में दो बिजली परियोजनाओं, एनटीपीसी की तपोवन विष्णुगड़ जलविद्युत परियोजना और ऋषि गंगा पनबिजली परियोजना को बड़े पैमाने पर नुकसान पहुंचा है। हादसे में अब तक 7 लोगों के मारे जाने की खबर है, जबकि 170 लोग अभी तक लापता हैं। जिन गांव तक अब पहुंच नहीं रही है उनमें गहर, भानगुन, रैनी पल्ली, पांग लता, सुरैथोटा, टोलमा और फगरसु शामिल हैं। चमोली के जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया और पुलिस प्रमुख पी. यशवंत सिंह चौहान घटना स्थल पर कैंप कर रहे हैं। खबर के मुताबिक 17 ग्राम सभा क्षेत्र इस आपदा से प्रभावित हुए हैं, जिनमें से 11 में लोग रह रहे थे, जबकि बाकी के निवासी सर्दी के कारण निचले क्षेत्रों में चले गए थे। गौरतलब है कि उत्तराखंड के चमोली जिले में रविवार के ग्लेशियर टूटने से भयानक बाढ़ आ गई थी, जिसमें कई लोग बह गए थे। इस हादसे में उत्तराखंड को जान-माल का भारी नुकसान हुआ है।
संयुक्त राष्ट्र ने उत्तराखंड हादसे पर व्यक्त की संवेदना, भारत को हरसंभव मदद का दिया भरोसा
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