Home » ….वो हसीन ‘मोती’ जो दुनिया भर के लोगों को लुभा रहा है
Uncategorized

….वो हसीन ‘मोती’ जो दुनिया भर के लोगों को लुभा रहा है

क़तर में प्रवासियों के लिए बनाए गए आलीशान कृत्रिम द्वीप में रहने वाले ब्रिटिश नागरिक सिवोभान टली इस कहावत का जिक्र करते हैं. अगर आप खास तौर से बनाए गए इन जगहों को देखें तो आपको यह कहावत सही लगने लगेगी. यहां की गलियां आपको किसी खाड़ी देश के बजाय भूमध्यसागर वाले यूरोपीय का हिस्सा लगेंगी.

यहां पूरे देश की तुलना में ज्यादा विदेशी लोग मिलेंगे. कई देशों के नागरिक, जिनमें ज्यादातर पश्चिमी शैली की पोशाक पहने हुए होते हैं, यहां वे शाम को स्ट्रीट कैफे और विस्ट्रो शैली के रेस्तरांओं में बैठे मिलेंगे. यहां स्पैनिश स्टाइल में बने चौराहे, नहरें और वेनिस की तरह बनी हुईं बिल्डिंगें दिखेंगी. गोल घेरे में बने मकान फव्वारों से घिरे हुए हैं. इनके बीच से कम चौड़ी सड़कें गुजरती हैं और उनमें आपको कई लाख डॉलर की स्पोर्ट्स कारों का कारवां भी नज़र आएगा.

यहां लोग लग्जरी विला या अपार्टमेंट ब्लॉक में रहते हैं. 20-20 मंजिलों के ये अपार्टमेंट स्वीमिंग पूल, जिम और प्राइवेट बीच से लैस हैं. दोहा के दूसरे पड़ोसी इलाकों में भी ऐसा मंज़र नहीं है. मसलन सऊदी लड़कियों का एक समूह एक लेबनानी रेस्तरां में घुसने के कुछ ही मिनट में अपने सिर से हिजाब हटा लेती हैं. मरीना से गुजरती हुई महिलाएं ऐसे कपड़े पहनती दिखती हैं, जिनके गले खुले हुए हैं. महिलाओं की बांहें खुली हुई हैं और वे शॉर्ट स्कर्ट्स पहने दिख रही हैं. होटलों और रेस्तरां की भरमार है, जहां शराब परोसी जाती है.

ला पर्ला की हसीन दुनिया– ला पर्ला यूनाइटेड डेवलपमेंट यूनाइटेड डेवलपमेंट कंपनी का फ्लैगशिप प्रोजेक्ट है. ये क़तर की प्रमुख कंस्ट्रक्शन कंपनी है. ये कृत्रिम द्वीप है, जिसे लोगों ने बनाया है और इसके लिए समुद्र का चालीस लाख वर्ग मीटर इस्तेमाल किया गया है

ये पहला ऐसा शहरी प्रोजेक्ट हैं, जिसमें क़तर के बाहर के लोग भी प्रॉपर्टी खरीद सकते हैं. यहां 25 हजार रेजिडेंशियल यूनिटें हैं. फिलहाल यहां 33 हजार लोग रहते हैं. यहां एक स्टूडियो मकान की कीमत 3 लाख डॉलर है. समुद्र की ओर खुलने वाले पांच बेड-रूम वाले विला 1.20 करोड़ डॉलर में उपलब्ध है. आसमान से देखने पर यह इलाका किसी मोती की तरह दिखता है. यहां कई रेस्तरां और लग्जरी होटल, शॉपिंग मॉल, बार, सिनेमा घर और आलीशान जगहें हैं. इन्हीं लग्जरी होटलों में से एक वर्ल्ड कप में हिस्सा लेने वाली अमेरिकी टीम रुकी हुई है.

प्रवासियों का नखलिस्तान– सिवोभान और ईयान टली एक ब्रिटिश जोड़ा है, जो कतर में सात साल से रह रहा है. इनमें से साढ़े छह साल उन्होंने ला पर्ला में बिताए हैं. पत्नी ब्रिटिश हैं और पति स्कॉटिश. दोनों हेल्थ सेक्टर में काम करते हैं. उन्होंने हमें वीवा बाहरिया में बनी अपनी बिल्डिंग दिखाई. ये बीच पर बने 30 लंबे टावरों का एक समूह है, जो समुद्र तट पर अर्द्ध वृताकार शक्ल में फैला है.

सिवोभान ने बीबीसी से कहा, “जब हम शुरू में आए थे तो यहां शायद ही कोई सर्विस उपलब्ध थी. लेकिन थोड़े ही वक्त में यहां रेस्तरां, कैफे और बिजनेस खड़े हो गए. यहां पैदल चलना खुशगवार अनुभव है. यहां कम गाड़ी चलाना आनंद देता है.” दोहा एक ऐसा आधुनिक शहर है, जो कई लेन वालों रास्तों से जुड़ा है. सिर्फ कुछ गलियां, चौराहे और कई शॉपिंग सेंटर को छोड़ दें तो इन रास्तों की बनावट पैदल यात्रियों के हिसाब से नहीं हैं. इसलिए यहां छाया और पार्क मिलना मुश्किल है.

पूरे साल ज्यादा वक्त तक ऊंचा तापमान आपका पैदल चलना मुश्किल बना देता है. ला पर्ला भूमध्य सागरीय शहरों से प्रेरित है और किसी नखलिस्तान जैसा दिखता है. सिओभान कहते हैं, “पहले हमने सोचा था कि हम यहां तीन साल रहेंगे लेकिन अब हमें यहां सात साल हो चुके हैं. हम यहां काफी खुश हैं और काफी सुरक्षित भी महसूस करते हैं.”

क़तर आम तौर पर काफी सुरक्षित है. लेकिन यहां के नागरिकों का कहना है कि पश्चिमी देशों के लोगों के कुछ व्यवहारों, मसलन उनके कपड़े पहनने के ढंग से क़तर के परंपरा पसंद नागरिकों को थोड़ी दिक्कत होती है. हालांकि यहां ऐसा नहीं दिखता. शुरुआत में पर्ल में प्रवासी समुदाय के लोग ही रहते थे. इनमें से कई पश्चिमी देशों के थे, जो क़तर में मिल रही सुविधाओं की वजह से आए थे. लेकिन अब यहां ज्यादा से ज्यादा क़तर के लोग आ रहे हैं. यहां कई प्रॉपर्टी हैं, जो शाही परिवार की है.

वेनिस जैसी गलियां और छोटे निजी द्वीप-यहीं एक इलाका है, जो देखने में वेनिस जैसा लगता है. नाम है क्वेनेट क्वार्टियर. यहां रहने वाले वेनेजुएला के गुस्तावो जारामिलो कहते हैं, “ये बिल्कुल वेनिस जैसा है. बस सिर्फ छोटी नावें नहीं हैं, जो वहां तैरती रहती हैं.”गुस्तावो इंजीनियर हैं और ला पर्ला में रहते हैं. गुस्तावो और उनकी पार्टनर सबरिना मासियोविचो एक लंबे टावर में रहते हैं जिसमें पूल है और जिसकी पहुंच समुद्र तट तक है.इन दोनों ने हमें कार में बिठा कर पूरा पर्ल दिखाया और यहां रहने के आनंद के बारे में बताया.मासियोविचो कहती हैं, “वेनेजुएला में जो दिक्कतें हैं, उससे तो कोई भी जगह अच्छी है. लेकिन दोहा और ला पर्ला में रहना एक अलग ही स्तर का अहसास कराता है.”आयोला डाना से गुजरते हुए जारामिलो कहते हैं, “यहां वीडियो बनाते समय सावधान रहे हैं. यहां ये मना है. यह यहां की नई परियोजनाओं में से एक है, जिसमें ग्राहक छोटे निजी द्वीप खरीद सकते हैं. यहां वे अपनी हवेली भी बनवा सकते हैं.”

जारामिलो यहां एनर्जी सेक्टर में काम करते हैं. अपार्टमेंट में मौजूद सुविधाओं के लिए वे भुगतान करते हैं. ट्रांसपोर्टेशन और टेलीफोन के लिए उन्हें भुगतान करना पड़ता है. उनकी सैलरी का 25 फीसदी ही खर्च होता है. बाकी बचत पर कोई टैक्स नहीं लगता.वो यहां रहने के फायदे गिनाते हैं. इस दौरान हमें एक बड़ी और चौकोर बिल्डिंग दिखती है. ये रेनेसां प्लेस जैसा दिखता है. जारामिलो बताते हैं, “ये एक तरह का सुपर कंडीशनिंग प्लांट है. बर्फ का पानी यहां प्रोसेस किया जाता है फिर पाइप के जरिये पूरे ला पर्ला और उसकी हरेक बिल्डिंग में भेजा जाता है.”

बुलबुले के भीतर बुलबुला-आयोला डाना और वेनेटियन क्वार्टर के अलावा इस द्वीप में ऊंची इमारतों वाले दफ्तर, स्पोर्ट्स मरीना, रेजिडेंशियल टावर और सिंगल फैमिली विला भी हैं.

इन्हीं को देख कर सिओभान कहते हैं, “अगर क़तर एक बुलबुला है तो पर्ल कतर के अंदर का बुलबुला है.”हमारी बातचीत कोविड की वजह से दुनिया में आई परेशानियों और यूक्रेन युद्ध की दिक्कतों पर हो रही थी. वो कहते हैं कि यहां ज़िंदगी कितनी अलग है.

मसलन पर्ल की गलियों में आपको पश्चिमी देशों की महिलाएं कम कपड़े में दिख जाएंगी. समुद्र तट पर वे बिकिनी में भी दिख जाएंगी और यहां उन पर कोई ध्यान नहीं देता. पत्रकारों और स्थानीय लोगों की बातचीत में क़तर में मौजूद पर्ल जैसे बुलुबलों का बार-बार जिक्र आता रहा. यहां इन इलाकों की चमक-दमक के बीच ला पर्ला और लेबर सिटी में उन रिस्पेशन कैंपों की भी चर्चा होती है, जहां दक्षिण पूर्वी एशियाई, अफ्रीका, पूर्वी अफ्रीकी देशों के प्रवासी श्रमिकों के लिए व्यवस्था की गई है. ये दोहा के बाहरी इलाकों में रहते हैं और ला पर्ला जैसे इलाकों में उनके घुसने पर रोक लगाई जाती है.

कई लोगों का कहना है कि उन्हें अलग रखा जाता है ताकि क़तर की चमक-दमक पर सवाल खड़े न हों. लेकिन क़तर इससे इनकार करता है. उनका कहना है कि ऐसा उन लोगों की सुरक्षा के लिए किया जाता है. जारामिलो कहते हैं, “पेशेवराना तरीके से कहा जाए तो क़तर के लोगों को शीर्ष प्राथमिकता दी जाती है.” वो कहते हैं, “हालांकि हम सबसे मिलते हैं. लेकिन हमारे यहां माहौल लातिनी और स्पैनिश है. हम क़तरी या स्थानीय अरब नागरिकों से ज्यादा घुलते-मिलते नहीं हैं.”

पर्ल में सब कुछ सुहाना नहीं– सिओभान कहते हैं, “यहां की सबसे खराब चीज हैं लगातार चलने वाली ड्रिलिंग. हर तरफ़ कंस्ट्रक्शन चल रहा है. आप देखिए सामने की वो बिल्डिंग लगभग पूरी हो चुकी है. ये सितंबर में बननी शुरू हुई थी.”जारामिलो और मासियोविचियो ने यहां अस्पताल और स्कूल की कमी की शिकायत की है. यह काफी मुश्किल मामला है. क्योंकि द्वीप में एक ही रास्ता है और अक्सर ये ट्रैफिक से भरा रहता है. लेकिन अब यहां एक विशाल अस्पताल बन रहा है. उम्मीद है इससे काफी मदद मिलेगी.

About the author

NEWSDESK

Advertisement

Advertisement