Home » “होली की हुड़दंग- कवियों के संग”
Breaking छत्तीसगढ़ राज्यों से

“होली की हुड़दंग- कवियों के संग”

वक्ता मंच द्वारा जिला ग्रंथालय रायपुर मे संपन्न काव्य गोष्ठी में 60 से अधिक कवियों ने काव्य पाठ कर माहौल को होलियाना स्वरूप दे दिया l 4 घंटे से ज्यादा लम्बे समय तक चले कार्यक्रम में कविताओं के साथ मिठाईयों, फूलों की पंखुड़ियों तथा हर्बल रंगों के साथ होली का आनंद लिया गया l इस अवसर पर उपस्थित बुद्धिजीवियों ने आम जनता से सौहार्द्र, प्रेम व भाई चारा के साथ होली का पर्व मनाने का निवेदन किया l वक्ता मंच द्वारा शालीनता से होली मनाने की अपील करते हुए लकड़ी के स्थान पर गोबर के कंडो का उपयोग करने का आग्रह किया गया है l इस पर्व को मादक पदार्थों, अश्लीलता एवं असामाजिक तत्वों से मुक्त बनाने का अनुरोध भी किया गया है l संपन्न काव्य गोष्ठी में शिक्षा विभाग के लेखा अधिकारी श्री जी एल धीवर मुख्य अतिथि की आसंदी पर सुशोभित थे lकार्यक्रम का शानदार संचालन वक्ता मंच के अध्यक्ष राजेश पराते ने किया l आयोजन का प्रभावी संयोजन वक्ता मंच के संयोजक शुभम साहू द्वारा किया गया l इस अवसर पर उर्मिला देवी, चेतन भारती, डॉ उदयभान चौहान,सुनील पांडे, किरणलता वैद्य, चंद्रकला त्रिपाठी, डॉ सीमा श्रीवास्तव, पूर्नेश डडसेना, राजेश पराते, शुभम साहू, ज्योति शुक्ला, करुणेश चंद्र श्रीवास्तव, गंगा शरण पासी, डॉ इंद्रदेव यदु, जितेंद्र कुमार वर्मा’ वैद्य ‘ , प्रगति पराते, दीपक पटेल, नरेंद्र कुमार साहू, मोहित शर्मा, महेश यदु, कुमुद लाड, अनिल श्रीवास्तव ‘ज़ाहिद’, सूरज गिरी, मोहम्मद हुसैन, राजाराम रसिक, घासीराम रात्रे, किशनलाल बंजारे, यशवंत यदु ‘यश’, राजू छत्तीसगढिया, लिलेश्वर देवांगन, भूखन वर्मा, राजकुमार निषाद, सरस्वती साहू, डॉ गौरी अग्रवाल, तिजेश्वरी साहू, विक्रम सिंह लाला, भूपेंद्र कुमार शर्मा, लतिका भावे, कुलदीप सिंह चंदेल, प्रदीप बहादुर वैद्य, कुमार जगदलवी, समीर ठाकुर, सुरेंद्र रावल, विनय बोपचे, मधु तिवारी, नूपुर कुमार साहू, भैरवी अमरानी, नौशाद अहमद सिद्दीकी, राजेंद्र रायपुरी, शोभा देवी शर्मा, सुनीता चन्सोरिया, राजेश कुमार निषाद, डॉ गोपा शर्मा, डॉ उमा स्वामी, ज्योति सोनी, संजय देवांगन, राजेंद्र ओझा, डॉ मृणालिका ओझा, प्रीति मिश्रा, तृभुवन मिश्रा, मोहन श्रीवास्तव, शोभा मोहन श्रीवास्तव सहित अनेक कवियों ने अपनी कविताओं से फागुनी बयार बहा दी l वक्ता मंच के संयोजक शुभम साहू के आभार प्रदर्शन के साथ कार्यक्रम समाप्त हुआ l कार्यक्रम के दौरान अनेक साहित्यकारों को उनके द्वारा जारी उत्कृष्ट लेखन हेतु सम्मानित भी किया गया l वक्ता मंच परिवार की ओर से सभी प्रदेशवासियों को होली त्यौहार की बधाईयाँ दी गई है l “होली की हुड़दंग- कवियों के संग” विषय पर संपन्न काव्य गोष्ठी की प्रमुख प्रस्तुतियां इस प्रकार रही:-
किरण वैद्य ‘कठिन’:-
कान्हा राध संग खेलें होरी, गोपिन के संग ग्वाल।
चूनर भीगी चोली भीगी,मन नहीं तनिक मलाल।
नाचें ताकधिना धिन,कान्हा गोपी ग्वाल।
बिरज में धूम मची।
होली आई उड़े रँग गुलाल चहुँदिश धूम मची।
सुनील पांडे:-
जनता ने नेता को याद दिलाया, जैसे हीरोइन के गाल, बिछाऊंगा सड़कों के जाल, अब जहां देखो वहीं गड्ढे मिलते हैं
नेता ने पलट कर पूछा, क्या हीरोइन के गाल में गड्ढे नहीं पड़ते हैं।
राजाराम रसिक:-
गाँव के टूरा मन संग
पीपा ला, नंगारा कस बजईस
ताहन मैं जान डारेव
फागुन अईस फागुन अईस l
राजेंद्र रायपुरी:-
नफरत की होली जले
बरसे केवल प्यार
यही करे हम कामना
इस होली त्यौहार
डॉ गौरी अग्रवाल:-
भारतमाता को अब लगा लो रोली
मतलब से न देश को बांटो
समता से विषमता को पाटो
नफरत पर चलाओ गोली
राजकुमार निषाद राज:-
लगाहूँ सबो ला हरा रंग जी
उड़ाहूँ गुलाली सबो संग जी
बजाहूँ अपन ढोल मैं फाग मा
सुनाहूँ मया गीत मैं राग मा
नौशाद अहमद सिद्दीकी:-
प्रेम का रंग डाले दुश्मन पर
उनको गले लगा ले
इस होली पर आओ यारों
नफरत की दीवार ढहा ले l

Advertisement

Advertisement