Saturday, December 13

 इनके मसालों की दुकानों में बढ़ रही धाक


हल्दी, धनियां, मसाला बनाकर पैकटों में बेच रही

कोरबा.

रीपा ने महिलाओं के लिए खोली आत्मनिर्भरता की राह

पोड़ीउपरोड़ा विकासखण्ड के अंतर्गत यह गांव है कापूबहरा। कुछ साल पहले इस गांव की महिलाओं के पास कोई काम नहीं था। हाथों में काम नहीं होने से उन्हंे पैसों की कमी तो बनी ही रहती थी, उनके पास आगे बढ़ने और आत्मनिर्भर बनने का भी कोई रास्ता नहीं था। अब ग्रामीण औद्योगिक पार्क योजना से जुड़ने के साथ छोटे-छोटे प्रसंस्करण ईकाइयों के जरिए वे आजीविका गतिविधियों को अंजाम दें रही है। सुबह से शाम तक रीपा में आकर हल्दी, मिर्च, धनिया पाउडर और मसाला तैयार कर पैकेटों में भरकर दुकानों में सप्लाई करती है। इनके द्वारा तैयार हल्दी, मिर्च, धनिया पाउडर और मसालें न सिर्फ बाजार में धाक जमाने की राह में हैं, अपितु घरों की सब्जियों की स्वाद बढ़ाने के साथ उनकी आमदनी में भी इजाफा कर रही है। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने जब ग्राम सुराजी योजना से ग्रामीणों को आत्मनिर्भर बनाने नरवा, गरवा, घुरवा, बारी जैसी योजनाएं शुरू की और गांव-गांव गौठान बनाकर आसपास ही ग्रामीण औद्योगिक पार्क (रीपा) की बुनियाद रखना प्रारंभ किया तो ग्राम कापूबहरा का चयन रीपा के लिए किया गया। रीपा में चयन होने के साथ ही यहां अगरबत्ती बनाने, कपूर निर्माण, दोना पत्तल, पेपर बैग निर्माण और मसाला, हल्दी, धनिया पाउडर सहित अन्य आजीविका गतिविधियां संचालित करने प्रोसेसिंग यूनिट स्थापित की गई। गांव की महिलाओं को, युवा बेरोजगारों को समूह के माध्यम से इन गतिविधियों में जोड़ा गया और प्रशिक्षण उपलब्ध कराकर निर्माण विधि, पैकेजिंग आदि सिखाई गई। परिणामस्वरूप गांव की ये महिलाएं हुनर सीखने के साथ आत्मनिर्भर की राह में आगे बढ़ रही है। रीपा से जुड़ी सूर्या स्व-सहायता समूह की महिलाओं ने मसाला बनाने के साथ, हल्दी, मिर्च, धनिया पाऊडर तैयार करने और उसे पैकेट बनाकर बाजार में बेचने के लिए अपनी राह चुनी। समूह की अध्यक्ष श्रीमती मोहिनी बाई ने बताया कि उनके समूह में गांव की 10 महिलाएं जुड़ी है। सभी सुबह 9 बजे रीपा स्थल में आती है और कोरबा शहर से मंगाई गई कच्ची सामग्रियों को साफ-सुथरा कर मशीनों में पिसाई करती है। धनिया, मिर्च, हल्दी का पाउडर बनाकर उसे दुकानों तक सप्लाई करती है, इसके अलावा मसालें का निर्माण भी करती है। कुछ सदस्य पैकेजिंग का काम करती है। समूह की सदस्य सुमित्रा बाई ने बताया कि हमारे द्वारा बनाई जा रही सामग्रियों में सफाई के साथ पैकेजिंग पर विशेष ध्यान दिया जाता है। अभी प्रारंभिक दौर होने के बावजूद उन्हें आर्डर मिल रहे हैं। आने वाले दिनों में यह मांग और भी बढ़ने के साथ बाजार में अपनी विशेष पहचान बना पाएगी। उन्होंने बताया कि समूह की अधिकांश सदस्य पहले बेरोजगार थीं। किसी के पास कोई काम न था। गांव में पहले गौठान फिर ग्रामीण औद्योगिक पार्क स्थापित हुआ है, जिससे जुड़कर हमें हमारा भविष्य सुनहरा नजर आने लगा है। कापूबहरा में दोना पत्तल निर्माण, कपूर निर्माण, चाक, मसाला, पेपर बैग, चना मुर्रा, पोल्ट्री फीड, राइस मिल आदि गतिविधियों का संचालन रीपा के माध्यम से किया जा रहा है। कोरबा जिले में 10 महात्मा गांधी रूरल इंडस्ट्रियल पार्क (रीपा) विकासखण्ड करतला के जमनीपाली एवं कोटमेर, कटघोरा के अरदा और रंजना, पोड़ी-उपरोड़ा के सेमरा और कापूबहरा, पाली के केराझरिया और नोनबिर्रा एवं विकासखण्ड कोरबा के पहंदा और चिर्रा का लोकार्पण किया गया। यहाँ 60 गतिविधियों को संचालन किया जाएगा। जिसमें 356 हितग्राही लाभान्वित होंगे।

[metaslider id="184930"
Advertisement Carousel
Share.

Comments are closed.

chhattisgarhrajya.com

ADDRESS : GAYTRI NAGAR, NEAR ASHIRWAD HOSPITAL, DANGANIYA, RAIPUR (CG)
 
MOBILE : +91-9826237000
EMAIL : info@chhattisgarhrajya.com
December 2025
M T W T F S S
1234567
891011121314
15161718192021
22232425262728
293031