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स्वाद में खट्टा-मीठा, पर बहुत गुणकारी है जामुन

जामुन स्वाद में तो कसैला लेकिन इसमें रोगों से लडने की गुण भरपूर होते हैं। जामुन वातकारक, पित्तशामक और उल्टी को रोक के काम आता है। डायबिटीज के लिए इसकी गुठली का उपयोग व और भी अन्य रोगों से बचाने के लिए किया जाता है। जामुन का सिरका भी बना सकती है यह पाचक होता है। जामुन और आम की गुठलियों का 2-2 ग्राम पाउडर छाछ के साथ दिनमें तीन बार लेने से पेटदर्द दूर होता है। पथरी के रोगी को जामुन की गुठली का पाउडर दही के साथ सुबह-शाम कम से कम दिन में 3 ग्राम की मात्रा में लें। इससे पथरी गलकर धीरे-धीरे निकल जाती है। इसके साथ ही पका जामुन खाने से भी पथरी के मरीज को आराम भी मिलताजामुन खाने या उसका रस पीने से उल्टी का वेग रूकता है इससे दिन की तेज धडकन भी नियंत्रित होती है। जामुन का रस में शक्कर मिलाकर पीने से पेचिश के रोगी को तुरंत फायदा होता है।आवाज बैठ जाना, आवाज का मोठी या भारीपन हो जाना तो इसके लिए आप शहद में जामुन की गुठली का पाउडर लेना चाहिए। इससे आवाज का भारीपन दूर होकर साथ आवाज भी साफ हो जाएगी। ठंडे पानी में जामुन को कम से कम 2 घंटे तक भिगोकर रखें। फिर उनकी गुठलियां निकालकर उन्हें हाथ से अच्छी तरह मसलकर कपडे से निचोड-छानकर रस निकाल कर रख लें। यह रस पेटदर्द, हृदय शूल, यूरिन में जलन आदि रोगों में अत्यंत लाभदायक है। जामुन की गुठली को सुुखाकर उसका पाउडर बनाकर रख लें। नियमित रूप से आधा चम्मच की मात्रा में सुबह से शाम पानी के साथ इसका सेवन करें। जामुन की छाल को सुखाकर उसे जलाएं और राख बनाकर छान लें। फिर इसे बोतल में भरकर रख लें। इसके सेवन सुबह शाम 60-65 मि ग्राम की मात्रा में खाली पेट पानी के साथ इसक सेवन करने से डायबिटीज नियंत्रित रहता है।

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