छत्तीसगढ़ के लोक कलाकारों के हितों और राज्य की सांस्कृतिक धरोहर को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने के लिए रायपुर सांसद बृजमोहन अग्रवाल लगातार प्रयासरत है। सोमवार को सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने लोकसभा में लोक कलाकारों के हितों का मुद्दा उठाया और छत्तीसगढ़ के कला और संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कदमों की जानकारी मांगी।
जिसपर संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने अपने जवाब में बताया कि सरकार छत्तीसगढ़ सहित देश भर के राज्यों की कला, संस्कृति और अमूर्त विरासत के संवर्धन और संरक्षण के लिए विभिन्न योजनाओं के माध्यम से वित्तीय सहायता प्रदान कर रही है। उन्होंने कहा कि संस्कृति मंत्रालय की योजनाओं से युवा पीढ़ी में छत्तीसगढ़ सहित देश की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर के प्रति जागरूकता बढ़ी है। इन योजनाओं ने स्थानीय कलाकारों और सांस्कृतिक संगठनों को व्यापक समर्थन प्रदान किया है।
छत्तीसगढ़ में पिछले तीन वर्षों के दौरान कला और संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार द्वारा विभिन्न सांस्कृतिक संगठनों और कलाकारों को वित्तीय सहायता प्रदान की गई है। इस संदर्भ में नागपुर स्थित दक्षिण मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र (SCZCC) की सक्रिय भूमिका रही है।
बृजमोहन अग्रवाल ने रायपुर के प्रसिद्ध लोक नृत्य राउत नाचा, पड़की, देवर नाचा और पंडवानी के कलाकारों को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मंच पर बढ़ावा देने के लिए विशेष योजनाओं की आवश्यकता पर बल दिया। इस पर मंत्री ने आश्वासन दिया कि सरकार इस दिशा में उपयुक्त कदम उठाने पर विचार कर रही है। छत्तीसगढ़ के परंपरागत मेलों और उत्सवों को आर्थिक सहायता देने की योजना के तहत विभिन्न मेलों को शामिल किया गया है। इन आयोजनों को बढ़ावा देकर स्थानीय कलाकारों और सांस्कृतिक धरोहर को सशक्त बनाया जा रहा है। वर्ष 2023-24 में राज्य में विभिन्न योजनाओं के तहत 57.91 की वित्तीय सहायता प्रदान की गई है और 1143 कलाकार लाभान्वित हुए हैं। जबकि वर्ष 2021-22 और 2022-23 में क्रमशः 9.15 लाख तथा 12.5 लाख रुपए की वित्तीय सहायता प्रदान की गई थी और क्रमशः 675 एवं 611 कलाकार लाभान्वित हुए थे।
बृजमोहन अग्रवाल ने आशा जताई कि आने वाले समय में छत्तीसगढ़ के कलाकारों को और अधिक अवसर प्रदान किए जाएंगे।