रायपुर। छत्तीसगढ़ तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ के प्रांताध्यक्ष राकेश साहू एवं महामंत्री प्रकाश शुक्ला ने बताया कि अन्य योजनाओं में सरकार द्वारा करोड़ों राशि व्यय की जा रही है, जबकि पूर्व राज्य परिवहन निगम के कर्मचारियों के 75 परिवार के आश्रितों को जब अनुकंपा नियुक्ति प्रदान की जाएगी तो उसमें रु.15,600/-न्यूनतम वेतन के आधार पर 75 परिवारों को सालाना लगभग 01 करोड़ 40 लाख रुपए राशि का व्यय भार होगा। जो कि शासन द्वारा किए जा रहे अन्य व्ययों से बहुत कम है। संगठन ने राज्य शासन से मांग की है कि पूर्व राज्य परिवहन निगम, वर्तमान सीआईडीसी के आकस्मिक निधन हुए कर्मचारी साथियों के परिजनों के क्रमिक उपवास का 14 वां दिन भी बीत जाने पर शासन द्वारा कोई सुध नहीं लिया गया। कलेक्टर कार्यालय एवं मंत्रालय के अफसरों की लापरवाही के कारण ही अनुकंपा नियुक्ति पीड़ितों को न्याय नहीं मिल पाया है। वर्ष 2011 में अनुकंपा नियुक्ति के लिए शिक्षाकर्मी में नियुक्ति की गई है।
वर्ष 2013 में सामान्य प्रशासन विभाग के निर्देश की अवहेलना करते हुए सी आई डी सी के कर्मचारियों को नियुक्ति से वंचित कर दिया गया। निगम मंडलों के संचालक मंडल की बैठक द्वारा दिसंबर 2019 में लिए गए निर्णय के उपरांत भी आज तक आदेश जारी नहीं किया गया है। माननीय उच्च न्यायालय, बिलासपुर द्वारा पारित आदेश का पालन नहीं किया जाना निराशाजनक है। हताश होकर संगठन के तत्वाधान में परिजनों द्वारा उपवास किया जा रहा है। मांगें जल्दी पूरी नहीं किए जाने पर शांति स्वरूप आंदोलन को उग्र आंदोलन में परिवर्तित किया जाएगा, जिसकी संपूर्ण जवाबदेही शासन की होगी।
आज के उपवास में शामिल हुए परिजनों में भूपेंद्र साहू, देवीलाल शुक्ला, केके पांडेय, विवेक चौहान, मोहम्मद जुनेद, जगजीत सिंह, प्रेम नारायण साहू, सूरज शर्मा, देवेंद्र शर्मा और साकेत शर्मा द्वारा उपवास किया गया और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री के नाम अनुकंपा नियुक्ति के आदेश को जारी करने हेतु कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा गया। इस प्रदर्शन में संगठन के प्रांताध्यक्ष राकेश साहू, जिला अध्यक्ष सुखीराम घृतलहरे, उपाध्यक्ष गजेश यदु, महामंत्री प्रकाश शुक्ला, भीम लाल मोटघरे, उपाध्यक्ष चंद्रशेखर तिवारी, मुक्तेश्वर देवांगन, तिलक यादव एवं अन्य साथियों ने अपनी उपस्थिति देकर आंदोलन को अपना समर्थन दिया।