रायपुर। इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. एसके पाटील ने कहा है कि कोविड-19 महामारी के संक्रमण काल में किसानों एवं कृषि वैज्ञानिकों को कृषि कार्य के दौरान इस बीमारी के खतरे से बचाना एक गंभीर चुनौती है और इसमें कृषि अभियंताओं की अहम भूमिका हो सकती है। उन्होंने कहा कि कृषि अभियंताओं को आर्टिफिशियल इंटेलिजेन्स और सेंसरयुक्त स्वचलित यंत्र जैसी आधुनिक प्रौद्योगिकी विकसित करना चाहिए जिससे सामान्य कृषि क्रियाओं में कम से कम शारीरिक सम्पर्क की जरूरत हो। डॉ. पाटील इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के अंतर्गत संचालित स्वामी विवेकानंद कृषि अभियांत्रिकी एवं प्रौद्योगिकी महाविद्यलय, रायपुर द्वारा कोविड-19 परिदृश्य में कृषि अभियंताओं की भूमिका एवं चुनौतियां विषय पर आयोजित एक दिवसीय वेबिनार को मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित कर रहे थे। वेबिनार की अध्यक्षता विश्वविद्यालय के संचालक अनुसंधान सेवाएं डॉ. आर.के. बाजपेयी ने की। वेबिनार का संचालन स्वामी विवेकानंद कृषि अभियांत्रिकी और प्रौद्योगिकी महाविद्यालय एवं अनुसन्धान केंद्र, रायपुर के अधिष्ठाता एवं वेबिनार के संयोजक डॉ एम. पी. त्रिपाठी द्वारा किया गया। वेबिनार को संबोधित करते हुए कुलपति डॉ. एसके पाटील ने कहा कि वर्तमान में सेंसर द्वारा न्यूनतम शारीरिक संपर्क के साथ खेती करने के लिए स्वचालित मशीनों को सक्षम बनाया जा रहा है। इस प्रकार की आधुनिक टेक्नोलॉजी उपयोगी सामाजिक एवं शारीरिक दूरी को बनाये रखते हुए भविष्य में कृषि के लिए अत्यन्त होगी। उन्होने इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों द्वारा डिजाइन एवं विकसित किए गए सेंसर आधारित स्वचालित ड्रिप सिंचाई प्रणाली कार्य पर ध्यान केंद्रित किया और सार्वजनिक निजी भागीदारी के माध्यम से इस प्रकार के कार्य को बढ़ावा देने का उल्लेख किया। डॉ. आरके बाजपेयी, निदेशक अनुसंधान ने मौजुदा कोविड-19 की स्थिति को दृष्टिगत रखते हुए इस तरह के प्रासंगिक विषय पर वेबिनार आयोजित करने के लिए आयोजन टीम को बधाई दी। वेबिनार के विशिष्ट एवं प्रख्यात वैज्ञानिक के रूप में डॉ श्याम नारायण झा, सहायक महानिदेशक, (प्रोसेस इंजीनियरिंग) भारतीय कृषि अनुसन्धान परिषद् नई दिल्ली, डॉ मान सिंह, निदेशक, जल प्रौद्योगिकी केंद्र, भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान नई दिल्ली, डॉ जे व्ही त्यागी, निदेशक, राष्ट्रीय जलविज्ञान संस्थान रूढ़की, डॉ. सीआर मेहता, निदेशक, आईसीएआर-केंद्रीय कृषि अभियांत्रिकीय संस्थान भोपाल, डॉ एस पटेल, प्रोफेसर और भूतपूर्व अधिष्ठाता, स्वामी विवेकानंद कृषि अभियांत्रिकी और प्रौद्योगिकी महाविद्यालय एवं अनुसन्धान केंद्र, रायपुर एवं डॉ एसपी सिंह, प्रमुख वैज्ञानिक, भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, नई दिल्ली ने व्याख्यान दिया। वेबिनार के अन्त में फार्म मशीनरी एवं पावर इंजिनियरिंग विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. ए.के. दवे ने समापन टिप्पणी दी। वेबिनार के आयोजन सचिव फार्म मशीनरी एवं पावर इंजिनियरिंग विभाग के प्राध्यापक डॉ. एस.व्ही. जोगदंड द्वारा अतिथियों के प्रति आभार प्रदर्शन किया गया। वेबिनार के सफल संचालन हेतु डॉ धीरज खलखो, डॉ. व्ही.एम. विक्टर, डॉ. आर.के. नायक, डॉ. प्रफुल्ल कटरे, डॉ नरेन्द्र अग्रवाल, इंजी. प्रशांत पिसालकर, इंजी. नीरज मिश्रा एवं संकाय के अन्य सदस्यों द्वारा तकनीकी सहयोग किया गया। इस वेबिनार में लगभग 400 प्रतिभागियों ने पंजीयन कराया और अपने-अपने विभागानुसार विभिन्न सत्रों में भाग लिया तथा विषय विशेषज्ञों के व्याख्यानों को सुना एवं उनसे चर्चा की।
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किसानों को कोरोना संक्रमण से बचाने में आधुनिक कृषि प्रौद्योगिकी की अहम भूमिका-डॉ. पाटील
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