शिव जी को प्रसन्न करने के लिए अधिकतर लोग 16 सोमवार के व्रत रख लेते हैं ताकि उनके जीवन में हर प्रकार की समस्याओं से छुटकारा पाया जा सकें । इतना ही नहीं इस व्रत को रखना लोगों को काफी पसंद होता है। साथ ही जो भी महिला ये व्रत सच्चे मन से करती हैं उनकी मनोकामना जरूरी पूरी की जाती है। कई ऐसे लोग होते हैं जो अपने परिवार की सुख-शांति के लिए पूरे विधि -विधान से आराधना करते हैं और भगवान शिव को खुश किया जा सकता है। हिंदू धर्म में सोमवार का दिन बेहद खास माना जाता है साथ ही सोमवार का दिन भगवान शिव को समर्पित है । आप ने देखा होगा कि कुछ लोग होते हैं जो एक सोमवार का व्रत करते हैं तो वहीं दूसरी ओर कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो 16 सोमवार के व्रत करते हैं। अधिक लोग 16 सोमवार के व्रत रख तो लेते हैं लेकिन उन्हें इस बारे में कोई जानकारी नही होती है कि यह व्रत आखिर क्यों रखा जाता है।क्या आप जानते हैं कि आखिर 16 सोमवार व्रत करने के पीछे क्या कारण हो सकता है।
सोलह सोमवार व्रत का क्या है कारण?
शास्त्रों के अनुसार बताया जाता है कि उज्जैन शहर में एक सुगंधा नाम की वैश्य कन्या रहती थी। इस कन्या को बचपन में ही वरदान मिला था ।जिसके कारण उसके पूरे शरीर में सुगंध आती थी। कहा जाता है उसके शरीर में दूर -दूर तक सुगंध आती थी साथ ही वह कन्या नृत्य और गायन में भी अधिक निपुण थी। इस शाक्ति के कारण वह कन्या कई राजाओं को अपने वश में कर लिया करती थी ।कहा जाता है कि सावन के महीने में बहुत सारे ऋषि क्षिप्रा नदी के किनारे यज्ञ कर रहे थे।तभी वहां एक कन्या आई और ऋषियों के धर्म भ्रष्ट करने लगी।
जब उसके शरीर में किसी भी प्रकार की कोई भी सुगंध नहीं आई तो वह हैरान हो गई और इतना सोच कर उसकी बुद्धि बदल गई । उसे अपनी गलती क् अहसास हुआ और ऋषियों से माफी मांगी । तभी उन्होनें एक उपाय बताया जिसमें उन्होंने कहा कि तुमने सोलह श्रृगार से सभी ऋषियों को अपनी ओर आकर्षित किया है इसीलिए तुम्हें भी सोलह सोमवार के व्रत रखने होगें।तभी से सोलह सोमवार की परंपरा शुरू हो गई ।