दोनों प्रमुख राष्ट्रीय राजनीतिक दलों से अखिल भारतीय कूर्मि क्षत्रिय महासभा प्रदेश अध्यक्ष की मांग
रायपुर। देश और प्रदेश में की राजनीति में कूर्मि समाज के प्रतिनिधियों की विशेष भागीदारी रही है। चाहे वह विधानसभा चुनाव हो या चाहे लोकसभा चुनाव हो, हर चुनाव में कूर्मि समाज के प्रतिनिधियों की बढ़चढ़कर भागीदारी रही है। इस लिहाज से आनेवाले लोकसभा चुनाव में राज्य की राजधानी रायपुर लोकसभा क्षेत्र से मनवा कूर्मि समाज के प्रतिनिधी को ही टिकट दिया जाना चाहिये। उक्त बातें अखिल भारतीय कूर्मि महासभा के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रभूषण् वर्मा (चंदू) ने कही है। उन्होंने रायपुर लोकसभा क्षेत्र से मनवा कूर्मि समाज के प्रतिनिधी को टिकट दिये जाने की पूरजोर मांग दोनो प्रमुख राष्ट्रीय दल भाजपा एवं कांग्रेस की है। उन्होंने कहा कि यदि इन दोनों में से किसी एक ने भी रायपुर लोकसभा से मनवा कूर्मि समाज के प्रतिनिधि को टिकट देती है तो निश्चित ही पार्टी यहां से रिकार्ड मतों से विजयश्री हासिल करेगी। आपको बता दें कि रायपुर लोकसभा से काफी लोकप्रिय सांसद रहे रमेश बैस भी कूर्मि समाज से आते हैं जो इस सीट से 35 वर्षों तक याने की 7 बार सांसद निवार्चित रहे। अखिल भारतीय कूर्मि क्षत्रिय महासभा के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रभूषण वर्मा (चंदू) ने बताया कि अखिल भारतीय कूर्मि क्षत्रिय महासभा सामाजिक स्तर पर विविध आयोजन और कार्यक्रमों के जरिए समाज के लोगों को एकजुटता के साथ जोड़े रखा है। साथ ही महासभा की अपनी एक विस्तृत कार्यकारिणी भी है, जो हर क्षेत्र में अपनी उपस्थिति दर्ज कराते आ रही है। उन्होंने बताया कि अखिल भारतीय कूर्मि क्षत्रिय महासभा की स्थापना 1884 में लखनउ में हुई थी, अर्थात कूर्मि इतिहास में यह 140 वर्ष पुरानी संस्था है। छत्तीसगढ़ में उक्त संस्था का राष्ट्रीय अध्यक्ष वर्ष 1948 एवं 1966 को स्व.डॉ. खूबचंद बघेल एवं वर्ष 1979 से 1983 तक स्व.धनीराम वर्मा जी राष्ट्रीय अध्यक्ष को नेतृत्व प्रदान किये थे। उन्होंने आगे कहा कि लोकसभा चुनाव में यदि रायपुर लोकसभा सीट से टिकट मिलती है, तो मैं निश्चिंत होकर कहना चाहूंगा कि हमारे समाज के लोग जीतकर अवश्य आएंगे और पार्टी के रीति-नीति को आम जनता के सामने रखेंगे। आपको बता दें कि आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर जहां एक तरफ कांग्रेस तैयारियों में जुटी हुई है तो वहीं दूसरी तरफ भाजपा भी कमर कसी हुई नजर आ रही है। लोकसभा चुनाव के मद्देनजर प्रमुख राजनीतिक दल भाजपा कांग्रेस के साथ अन्य राजनीतिक दल भी सक्रिय हो गए है। प्रमुख दल भाजपा-कांग्रेस में लगातार कई बैठकों का दौर चल रहा है।