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“न मांग न जांच प्रमाण पत्र”को लेकर परेशान है पेंशनर्स

सेवानिवृति के बाद “न मांग न जांच प्रमाण पत्र” विभाग द्वारा जारी करने में अनावश्यक विलम्ब करने के कारण संयुक्त संचालक कोष लेखा एवं पेंशन से पीपीओ जारी नही हो पा रहा है और लोग पेंशन, उपादान और अन्य भुगतान को लेकर परेशान है। उक्त जानकारी जारी विज्ञप्ति में भारतीय राज्य पेंशनर्स महासंघ छत्तीसगढ़ प्रदेश के प्रांताध्यक्ष वीरेन्द्र नामदेव ने दी है। जारी विज्ञप्ति में उन्होंने आगे बताया है कि वित्त विभाग छत्तीसगढ़ शासन ने स्पष्ट आदेश जारी कर कहा है कि “न मांग न जांच प्रमाण पत्र” जारी करना विभाग प्रमुख की जिम्मेदारी है।उन्हे सेवानिवृति तिथि तक प्रमाण पत्र जारी कर दिया जाना चाहिए और विलम्ब होने पर एक माह बाद सेवानिवृत शासकीय सेवक के विरुद्ध कोई मांग और जांच नहीं है मानकर उनके पेंशन प्रकरण का निराकरण और भुगतान करने का प्रावधान का किसी विभाग में पालन नहीं हो रहा है। कोई सुनने वाला नहीं है।सेवानिवृत कर्मचारी हलाकान परेशान विभाग का प्रतिदिन चक्कर लगा कर दुखी हैं। जारी विज्ञप्ति पेंशनर्स महासंघ के प्रांताध्यक्ष वीरेन्द्र नामदेव, कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष जे पी मिश्रा, महामंत्री अनिल गोल्हानी, प्रवीण त्रिवेदी, बी एस दसमेर आदि ने यह भी बताया है कि कई प्रकरण ऐसे भी देखने सुनने में आया है कि कर्मचारी के देहावसान पर न मांग न जांच प्रमाण पत्र की मांग की जाती है जबकि ऐसे मामलों में इसकी जरूरत नहीं है। हाल ही में पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग में विगत 6 माह से रिटायर अनेक लोगो के प्रकरण लंबित रहने की जानकारी मिली है। इसी प्रकार अन्य कई विभागों के प्रकरण मंत्रालय व विभागाध्यक्ष स्तर पर लंबित पड़े हैं।रिटायर कर्मचारियों ने महासंघ के ध्यान में यह बात लाया है कि लगभग सभी विभाग में न मांग न जांच प्रमाण पत्र अवैध कमाई का जरिया बन गया है कि जब तक संबंधित पेंशनर इस काम के लिए सुविधा शुल्क उपलब्ध कराने विभाग में नहीं जाता तब तक उनकी फाइल आगे नहीं सरकती यह नियम बन गया है।

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