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छत्तीसगढ़ में सुशासन के तीन माह

छत्तीसगढ़ में पिछले पांच सालों में फैले कुशासन और अव्यवस्था से मुक्ति मिल गई है। आम जनता को नई सरकार बनने से राहत मिली है। नई सरकार के गठन के मात्र तीन माह में ही लोगों ने महसूस किया है कि आम जनता की हर बात सुनी जाएगी। राज्य के गरीब, किसान महिलाओं और युवाओं को तरक्की की राह पर लाने के लिए नई-नई योजनाएं शुरू की गई है। यह राज्य सरकार के सुशासन की संकल्पना की सफलता को दर्शाता है। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने राज्य की बागडोर सम्हालते ही राज्य में फिर से विकास के लिए नया वातावरण बना है। श्री साय का मानना है कि लोकतंत्र का मूल मंत्र सुशासन हैं। सुशासन के बिना सच्चे लोकतंत्र की कल्पना नहीं की जा सकती। सौम्य सरल व्यक्तित्व के धनी मुख्यमंत्री श्री साय ने राज्य की कमान सम्हालते ही उन्होंने राज्य की जनता को प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा दी गई गारंटी पर काम करना शुरू किया और मात्र तीन माह में ही अधिकांश गारंटियों को पूरा कर दिखाया। इतने कम समय में जनता को दी गई गारंटी को पूरा करने के लिए यह उनकी प्रशासनिक कुशलता और सफल नेतृत्व का ज्ञोतक है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने स्वंय श्री साय के नेत्त्व में छत्तीसगढ़ में हो रहे काम काज की तारीफ की थी। मुख्यमंत्री श्री साय का मानना है कि विकसित भारत के संकल्प को पूरा करने के लिए छत्तीसगढ़ का विकसित होना जरूरी है। इसको ध्येय में रखकर छत्तीसगढ़ की सरकार वर्ष 2047 तक विकसित छत्तीसगढ़ बनाने के लिए रोड मैप बनाने का काम शुरू कर दिया है। राज्य की अर्थव्यवस्था को गतिमान बनाए रखने नई संभावनाओं वाले सेक्टरों पर विशेष फोकस किया जाएगा। वनांचल क्षेत्रों विशेषकर बस्तर और सरगुजा के विकास को प्राथमिकता में रखा गया है। यहां सड़क, रेल, वायू और संचार कनेक्टिविटी पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। नवा रायपुर में आई.टी. हब के रूप में विकसित करने की योजना है। इसके अलावा पुराने रायपुर और भिलाई में आई.टी. आधारित उद्योगों को बढ़ावा देना शामिल है। नई शिक्षा नीति के क्रियान्वयन और तकनीकी शिक्षा के विस्तार से राज्य में कुशल मानव संसाधन तैयार करने पर भी फोकस रखा गया है, जिससे युवाओं को आसानी से रोजगार मिल सके। इसके लिए शिक्षा अधोसंरचना हो मजबूत किया जा रहा है। राज्य में संचालित आई.टी.आई का उन्नयन किया जा रहा है।  तकनीकी शिक्षा को मजबूत बनाने के लिए आईआई टी की तर्ज पर जशपुर, बस्तर, कबीरधाम , रायपुर और रायगढ़ में इसी सत्र से प्रौद्योगिकी संस्थानों का निर्माण किया जाएगा। राज्य में उच्च शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए छत्तीसगढ़ उच्च शिक्षा मिशन योजना लागू करने की तैयारी है। राज्य में भ्रष्टाचार के लिए जीरो टालरेंस की नीति अपनायी जा रही है। आईटी आाधरित टूल के माध्यम से कर वंचन को रोकने के इंतजाम किए जा रहे हैं। योजना आयोग अब राज्य नीति आयोग कहलाएगा। देश के अन्य राज्यों में बेस्ट प्रेक्टिसेस का अध्ययन कर राज्य में इसका क्रियान्वयन के लिए काम किया जा रहा है। राज्य की अर्थव्यस्था की धुरी यहां के किसान और खेती-किसानी है। इसको ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री श्री साय ने देश की सबसे बड़ी आदान सहायता योजना शुरू की है। किसानों को यहां धान की सबसे ज्यादा कीमत मिल रही है। मोदी की गारंटी को पूरा करते हुए श्री साय ने यहां के किसानों को धान का 31 सौ रूपए प्रति क्विंटल धान की कीमत दी है। समर्थन मूल्य और राज्य द्वारा घोषित उपार्जन मूल्य के अंतर की राशि कृषक उन्नति योजना में किसानों को दी जा रही है। किसानों को प्रति एकड़ 19257 रूपए की अदान सहायता दी जा रही है। कृषक उन्नति योजना में किसानों पर हो रही धन वर्षा ने राज्य में खुशहाली का नया वातावरण निर्मित हुआ है। इस योजना में 24.72 लाख से अधिक किसानों को 13,320 करोड़ से अधिक की राशि उनके बैंक खातों में डीबीटी के माध्यम से राशि अंतरित की जा रही है। इससे राज्य में खेती किसानी के साथ-साथ व्यापार और उद्योग जगत में भी उत्साह का संचार हुआ है। पूर्व प्रधानमंत्री और भारत रत्न स्वर्गीय श्री अटल बिहारी बाजपेयी ने छत्तीसगढ़ राज्य बनाया उनके जन्मजयंती सुशासन दिवस के मौके पर छत्तीसगढ़ सरकार ने राज्य कें किसानों को धान खरीदी में दो साल के बकाया बोनस की 3617 करोड की राशि देकर उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित किया। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने विगत 10 मार्च को राजधानी रायपुर में आयोजित कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ की माताओं-बहनों को नमन करते हुए कहा की आज उनकी एक और गारंटी पूरी हो रही है। उन्होंने कार्यक्रम में 70 लाख से अधिक विवाहित महिलाओं को उनके बैंक खातों में डीबीटी के माध्यम से के एक-एक हजार रूपए की राशि के मान से 655 करोड़ रूपए अंतरित की। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ की माताओं के स्वावलंबन में यह योजना बहुत कारगर सिद्ध होगी।  राज्य के वनांचल क्षेत्रों में भी सुशासन की नई अलख जगाने में श्री साय सफल हुए हैं। उन्होंने बस्तर और सरगुजा जैसे पिछडें़ क्षेत्रों के विकास को अपनी प्राथमिकता में शामिल किया है। यहां सडक, संचार इंटरनेट कनेक्टिविटी के साथ ही अति पिछड़े जनजाति समूह के लोगों को प्रधानमंत्री जनमन योजना के तहत आवास, पेयजल, सड़क बिजली जैसी सुविधाओं पर तेजी से काम हो रहा है। इससे वनवासियों में नई आशा का संचार हुआ है। राज्य के गरीब परिवारों को पांच साल तक मुफ्त चांवल, 18 लाख परिवारों को प्रधान मंत्री आवास की स्वीकृति, महिला समूहों को फिर से रेडीटू ईट बनाने दायित्व, युवाओं को रोजगार के लिए छत्तीसगढ़ उद्यम क्रांति योजना, नवा रायपुर में को आई हब बनाने की दिशा में पहल जैसे अनेक कार्य हुए हैं।  ग्रामीण क्षेत्रों में घरों तक नल के माध्यम से जल पहुचाने के लिए भी तेजी से काम हो रहा है। कृषि मजदूरों के लिए दीन दयाल उपाध्याय भूमिहीन कृषि मजदूर योजना में प्रति वर्ष दस हजार रूपए की आर्थिक सहायता देने के लिए 500 करोड रूपए का बजट रखा गया है। राज्य में औद्योगिक विकास को गति देने के लिए इनवेस्ट छत्तीसगढ़ का योजन भी करने का निर्णय लिया गया है। इसके अलावा राष्ट्रीय राजमार्गों के निकट औद्योगिक गतिविधयों को बढ़ावा देने के लिए कोरबा-बिलासपुर इंडस्ट्रियल कारिडोर के निर्माण की योजना है। राज्य में नई उद्योगनीति भी सभी हितधारको के चर्चा कर तैयार करने का निर्णय लिया गया है। राज्य में रेल कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए कटघोरा-डोंगरगढ़ रेल लाइन का भी निर्माण किया जाएगा। राज्य में युवाओं के लिए राजधानी के नालंदा परिसर की तर्ज पर अन्य शहरों में हाईटेक लाइब्रेरी प्रारंभ करने और नवा रायपुर में लाईवलीहुड सेंटर आफ एक्सीलेंस की स्थापना भी की जाएगी। जी.एस. केशरवानी, उप संचालक

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