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यहां बनाया जा रहा मुख्यमंत्री की घोषणा के खिलाफ गौठान, निश्चय वाजपेयी ने लगाया सवालिया निशान

अमलेश्वर (पाटन)। किसानों का समर्थन करने के कारण गिरफ्तार हुए निश्चय वाजपेयी ने कहा है कि परसदा में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की घोषणा के खिलाफ गोठान बनाया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट कहा है कि गौठान के लिये अनावश्यक तोडफ़ोड़ नहीं की जाएगी। वहीं परसदा में तो पहले से ही पूर्वजों का बनाया हुआ गोठान है। ऐसे में किसानों का खलिहान तोड़कर उन्हे प्रताडि़त करने का क्या औचित्य है? उन्होंने कहा कि कुम्हारी पालिका मनमानी करने पर उतारू है। लाकडाउन में केवल पेयजल और सफाई जैसे अत्यावश्यक कार्यों को छोड़कर बाकी सभी कामों पर रोक लगी हुई थी। परसदा का मौजूदा गौठान गांव के दूसरे छोर में है। पालिका ने उसमे काफी खर्च भी किया है। भूमि पूजन भी किया है। अब अचानक गांव की दूसरी तरफ किसानों का ब्यारा (खलिहान) छीनकर गौठान बनाना कुछ चंद लोगों की साजिश लगती है। वो भी तब जबकि किसानों की फसल पकने को तैयार खड़ी है। गांव के किसान कई पीढिय़ों से वहां फसल रख रहे हैं और मिंजाई आदि का काम कर रहे हैं। वे अचानक कहां से व्यवस्था बनाएंगे। जहां एक तरफ छत्तीसगढ़ सरकार बिल्डरों को बड़े पैमाने पर सरकारी जमीन बेच रही है, वहीं दूसरी ओर किसान को खड़ी फसल के समय बेदखल करना समझ से परे है। जेल से रिहाई के बाद उन्होंने कहा कि पालिका की इस मनमानी का भरपूर विरोध किया जाएगा।

गौरतलब है कि किसानों के खलिहान मे हो रही तोड़-फोड़ का विरोध करने पर निश्चय वाजपेयी को गत सोमवार को जेल भेज दिया गया था। गांव के किसानों का कहना है कि ये उनके तीस-चालीस साल पुराने खलिहान हैं। गांव का गोठान दूसरी तरफ है और पर्याप्त बड़ा है। उसे छोड़कर अचानक हमारे खलिहानों मे तोड़-फोड़ करने से हमलोग बहुत परेशान हैं। हमारी फसल पकने की स्थिति मे है। ऐसे मे हम कहां जाएंगे? धान-पान का काम कैसे करेंगे। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जी हमारे विधायक हैं और वे स्वयं हमारे ब्यारे को शुरू से देखते चले आ रहे हैं। किसानों का कहना है कि मुख्यमंत्री जी ने घोषणा की है कि गोठान के लिये अनावश्यक तोड़-फोड़ नही की जाएगी। यहां तो पहले से ही गोठान है तब इस तोड़-फोड़ का क्या औचित्य है? कुम्हारी पालिका और जिला प्रशासन को मुख्यमंत्री की भावना का सम्मान करते हुए तत्काल प्रभाव से तोड़-फोड़ रोकनी चाहिये और खलिहानों को पूर्व स्वरूप में लाना चाहिए। किसानों का यह भी कहना है कि सरकार जब बिल्डरों और जमीन दलालों को सरकारी जमीन बेच रही है तो किसानों ने क्या बिगाड़ा है? जो खड़ी फसल मे उनके यहाँ तोड़-फोड़ की जा रही है। कोई पूर्व सूचना भी नही दी गई है। लाकडाउन मे जबकि वे कहीं गोहार लगाने नही जा सकते ऐसे में पुलिस के दम पर तोड़-फोड़ करने वालों की मंशा क्या है? महामारी के इस दौर मे ऐसी क्या आपात स्थिति आ गई है जो हमारा जीना हराम कर दिया है। उन्होंने कहा कि वे इसकी शिकायत कलेक्टर से करेंगे।

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