
रायपुर। छत्तीसगढ़ अंशदायी पेंशन कर्मचारी कल्याण संघ एनएमओपिएस के अथक प्रयासों से अब पेंशन का मुद्दा संसद में गुंजने लगा लगातार कर्मचारियों द्वारा पुरानी पेंशन की मांग की जा रही है देश मे वर्ष 2004 से राष्ट्रीय पेंसन प्रणाली (एन पी एस) लागु है जो बैंको एवँ बीमा कंपनियों के जरिए संचालित है। इसके तहत कोई भी नागरिक अपने मनमुताबिक राशि जमा कर एक समयावधि उपरांत पेंशन ले सकता है केंद्रीय एवं राज्य कर्मचारी इस पेंशन योजना को लेने हेतु एक तरह से बाध्य हैं। इसमें कई विसंगतियों के कारण तभी से केंद्रीय तथा राज्य कर्मचारियों के संगठन पुरानी पेंशन योजना (ओ पी एस) की मांग कर रहे हैं। पर केंद्र सरकार उनकी मांगों को अनसुना कर रही है एनपीएस में कई विकल्प है और यह शेयर मार्केट लिंक्ड इन्वेस्टमेंट है जिसके कारण निवेश पर मिलने वाला रिटर्न अनिश्चित है और कर्मचारियों को सेवानिवृत्त होने पर कम पेंशन मिल रही है जो महंगाई के गुजारे लायक नहीं है। बस्तर सांसद दीपक बैज ने सदन के माध्यम से सरकारी कर्मचारियों के संगठनों की मांगों पर पुरानी पेंशन योजना (ओ पी एस) पुन: लागू करने हेतु केंद्र सरकार से सवाल किया ताकि कर्मचारियों को सेवानिवृत्त होने पर सम्मानजनक गुजारे लायक पेंशन मिले प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह ने कहा यह हमारी आंशिक जीत है हम लगातार जमीन पर लड़े हैं आगे भी योजनाबद्ध तरिके से पेंशन के मुद्दे को रखा जाएगा सुकमा जिलाध्यक्ष अशोक मिस्त्री के नेतृत्व में सांसद दिपक बैज को ज्ञापन सौंपा गया था













