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जलती चिता पर रात में सिगरेट रखने पहुंचे थे दोस्त… लेकिन श्मशान घाट का मंजर देख उड़े होश

गुना के गोपालपुरा स्थित श्मशान घाट पर रोंगटे खड़े कर देने वाली तस्वीरें देखने को मिली हैं. गोपालपुरा श्मशान में तीन तांत्रिक जलती हुई चिता के साथ तंत्र साधना करते पाए गए. शिवरात्रि के अवसर पर अंधेरे में रात लगभग 9 बजे तंत्र साधना की जा रही थी. मृतक के परिजन और दोस्तों ने जब ये नजारा देखा तो उनके पैरों तले जमीन खिसक गई. तीन तांत्रिक अपने साथ सिंदूर, चाकू, बाल और तमाम सामग्री लिए चिता के शव और राख के साथ तंत्र साधना कर रहे थे. तांत्रिकों ने मृतक अश्विनी केवट की चिता की राख को बोतल में भर लिया था.
दरअसल, 29 साल के युवक अश्विनी केवट का हार्ट अटैक से निधन हो गया था. अश्विनी शिवरात्रि के अवसर पर अपने दोस्तों के साथ केदारनाथ धाम दर्शन के लिए गया था. दर्शन और प्रसाद ग्रहण करने के बाद अश्विनी के सीने में तेज दर्द हुआ. कार्डियक अरेस्ट के कारण युवा अश्विनी की मौत हो गई. डॉक्टर्स के मुताबिक, उसकी मौत हार्ट अटैक से हुई.
आत्मा की शांति के लिए सिगरेट लेकर गए थे भाई और दोस्त
परिजनों ने मृतक का अंतिम संस्कार गोपालपुरा स्थित श्मशान घाट में कर दिया और वापस घर लौट आए. अश्विनी को सिगरेट पीने का शौक था, अंतिम समय में मृतक के शौक को पूरा करने और आत्मा की शांति के लिए भाई निखिल केवट और उसका दोस्त आकाश रघुवंशी सिगरेट लेकर श्मशान पहुंचे लेकिन वहां का नजारा देखकर उनके होश उड़ गए.
अश्विनी की चिता के पास तीन तांत्रिक चटाई बिछा कर बैठे दिखे. जो जलती चिता, शव और राख से तंत्र क्रिया कर रहे थे. उनके पास सिंदूर, चाकू आदि तंत्र सामग्री रखी थी. तांत्रिकों ने बोतल में चिता की राख भर ली थी.
‘जो क्रिया करना थी, वो हम कर चुके’
जब निखिल, आकाश और अन्य लोगों ने तांत्रिकों से पूछताछ की तो उन्होंने अपने नाम अविनाश चंदेल (नाथ), दिलीप चंदेल (नाथ) और राहुल बैरागी बताए. मामला बिगड़ता देख तांत्रिक राहुल बैरागी मौका भाग निकला. लेकिन बाकी के दोनों तांत्रिकों को वहां मौजूद लोगों ने पकड़ लिया. हालांकि, दोनों तांत्रिक कहते रहे कि हमें चिता और शव के साथ जो क्रिया करना थी, वो हम कर चुके.
टीआई कैंट थाना पंकज त्यागी ने बताया कि पुलिस ने तीनों तांत्रिकों के खिलाफ IPC की धारा 297,34 के तहत एफआईआर दर्ज कर ली है. पुलिस छानबीन में जुटी है कि आखिरकार तंत्र क्रिया के पीछे तांत्रिकों का मकसद क्या था?
घटना को लेकर परिजनों और लोगों में नाराजगी है. गुना में पहले भी मुक्तिधामों में तंत्र क्रिया के मामले सामने आए हैं. लोगों में इस बात की नाराजगी है कि जलते हुए शवों के साथ छेड़छाड़ कैसे रोकी जाए? क्या शवों को सुरक्षा प्रदान की जाएगी? डॉक्टर्स का कहना है कि इस तरह की तंत्र क्रियाएं महज अंधविश्वास होती हैं जिन्हें रोका जाना बेहद आवश्यक है.

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